ICAI CICASA Seminar on Bank Audit

सिकासा के सेमीनार में दिए गए बैंक ऑडिट के टिप्स

भिलाई। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की भिलाई शाखा में सीए प्रशिक्षुओं को बैंक ऑडिट पर महत्वपूर्ण टिप्स दिये गये। सीए नितिन रूंगटा, सीए राकेश ढोडी, सीए अजय सोमानी तथा बैंक ऑफ बड़ौदा रायपुर के मुख्य प्रबंधक सादिक एसएम ने सेमीनार में अपने वक्तव्य दिये। इस विशेष सत्र का आयोजन सिकासा भिलाई द्वारा बैंक ऑडिट प्रारंभ होने से पहले आर्टिकलशिप की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए किया गया था।
आईसीएआई सीआईआरसी की भिलाई शाखा के चेयरमैन सीए प्रदीप पाल व सिकासा चेयरमेन सीए राहुल बत्रा की उपस्थिति में सेमीनार प्रारंभ हुआ। सीए प्रियेष लेखवानी ने स्वागत भाषण दिया। सीए नितिन रूंगटा ने अपने वक्तव्य में कहा, पिछले कुछ वर्षों में बैंक फ्रॉड के मामलों में काफी वृद्धि हुई है। इससे हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। यदि हमने ऑडिट में ऐसे फ्रॉड्स को नहीं पकड़ा और रिपोर्ट में उल्लेख नहीं किया तो बैलेंस शीट साइन करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। उन्होंने उन दस्तावेजों का सिलसिलेवार वर्णन किया जिनकी जांच करना आवश्यक है। साथ ही उन्होंने मूल ऑडिट रिपोर्ट तथा एलएफएआर के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।

बैंक ऑफ बड़ौदा रायपुर के मुख्य प्रबंधक सादिक एसएम ने बैंकिंग सॉफ्टवेयर फिनाकल के विषय में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि किस तरह इसके अलग-अलग मेनू तक पहुंचा जा सकता है और जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बैंक के विभिन्न प्रावधानों, लोक के प्रकार, अकाउंट की रेटिंग, रिस्क और सिक्योरिटी की जानकारी देते हुए ऑडिट के बिन्दुओं को स्पष्ट किया।

सीए अजय सोमानी ने ऑडिट प्लानिंग, डाक्यूमेंटेशन एवं एलएफएआर पर अपने वक्तव्य को केन्द्रित किया। उन्होंने कहा कि स्पेशल मेंशन्ड अकाउंट (एसएमए) पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। इनकम रिकग्निशन एंड एसेट क्लासिफिकेशन एवं प्रोवीजनिंग (आइरेक), अर्ली वार्निंग सिग्नल्स (ईडब्लूएस), सिस्टम जेनरेटेड रेड फ्लैग अकाउन्ट (आरएफए) की जानकारी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि ये न केवल खाता के रुग्ण होने के आरंभिक लक्षण देते हैं बल्कि इन खातों में गड़बड़ियों की भी पूर्व सूचना देते हैं। उन्होंने आडिट डाक्यूमेंटेशन तथा एलएफएआर को गंभीरता पूर्वक लेने की बात कही।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सीए राकेश ढोडी ने ऑडिट के लिए कुछ मजेदार टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि किस तरह चलते बैंक में कैश हैंडलिंग का वेरीफिकेशन किया जा सकता है। उन्होंने एलएफएआर को पहले ही दिन से साथ-साथ भरना प्रारंभ करने का सुझाव दिया। उन्होंने क्लोसिंग स्टेटमेंट्स की भारीभरकम फाइलों से निपटने के लिए उन्होंने इसके नोटपैड फाइल को हासिल करने और उसे एक्सेल में कन्वर्ट कर लेने का सुझाव दिया। उन्होंने स्टॉक स्टेटमेंट्स का वर्तमान बाजार मूल्य से मिलान करने, बैंक द्वारा किये गये खर्चों पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत को रेखांकित किया।

कार्यक्रम का संचालन एमओसी गीता सचदेव ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सिकासा सचिव नंदिनी कटारिया ने दिया।

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