Tribute to Mukesh in Chitragupta Mandir Bhilai

चित्रगुप्त मंदिर समिति ने दी पार्श्वगायक मुकेश को स्वारांजलि

भिलाई। चित्रगुप्त मंदिर समिति द्वारा शनिवार की शाम को एक संगीतमय संध्या का आयोजन कर दिवंगत पार्श्वगायक मुकेश चंद्र माथुर को स्वारंजलि दी गई. इस अवसर पर सभी चित्रांश बंधुओं ने उनके सदाबहार गीतों को अपनी आवाज दी. साथ ही मुकेशजी से जुड़ी यादों को ताजा करने के लिए प्रश्नोत्तरी का भी दौर चलता रहा. कार्यक्रम को वयोवृद्ध चित्रांश ओम प्रकाश निगम का भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ.
कार्यक्रम का आरंभ मुकेशजी के छायाचित्र पर समिति की अध्यक्ष श्रीमती उषा श्रीवास्तव, अनिरुद्ध श्रीवास्तव, पूजा सिन्हा, प्रमोद श्रीवास्तव, श्री सहाय एवं अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने फूल चढ़ाकर उनका पुण्यस्मरण किया. संगीत संध्या का आरंभ मुकेश भटनागर की प्रस्तुति से हुआ. उन्होंने तुम बिन जीवन, कैसे बीता प्रस्तुत किया. इसी क्रम ने प्रशांत श्रीवास्तव – चंचल शीतल निर्मल कोमल, चित्तरंजन प्रसाद – सुहानी चांदनी रातें, दीपक रंजन दास – जाने कहां गए वो दिन, अजय श्रीवास्तव – तेरी निगाहों पे मर मर गए, श्याम सहाय – तारों में सजके अपने सूरज से, श्रीमती किरण श्रीवास्तव – आंसू भरी है ये जीवन की राहें, पवन श्रीवास्तव – किसी की मुस्कुराहटों पे, मनोज लता श्रीवास्तव – जे हम तुम चोरी से, प्रशांत श्रीवास्तव – दुनिया से जाने वाले, श्रीमती कंचन सक्सेना – संसार है एक नदिया, श्रीमती किरण सिपाहा – चांद आहें भरेगा इत्यादि की समधुर प्रस्तुति दी गई.

कार्यक्रम का समापन वरिष्ठ सदस्य एवं संगीत प्रेमी अनिरुद्ध श्रीवास्तव के गीत – चांद आहें भरेगा के साथ हुआ. कार्यक्रम का सुन्दर संचालन श्रीमती पूजा सिन्हा ने किया. प्रश्नोत्तरी के द्वारा मुकेश जी को श्रद्धांजलि देने के सूत्रधार की भूमिका अनिरुद्ध श्रीवास्तव ने अदा की.
सभी श्रोताओं ने करतल ध्वनि से गायकों की हौसलाअफजाई की.

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