टेलोजन एफ्लूवियम : कहीं इस वजह से तो नहीं झड़ रहे आपके बाल- डॉ यशा
भिलाई. कभी-कभी बालों का झड़ना एकाएक तेज हो जाता है. सिर धोने के बाद या कंघी करते समय दोगुनी संख्या में बाल झड़ने लगते हैं. इसका कोई कारण समझ में नहीं आता. लाख उपाय करने के बाद भी बालों का झड़ना जारी रहता है. पर राहत की बात यह है कि बालों का यह झड़ना कम होता चला जाता है और फिर बाल पहले जितने ही घने हो जाते हैं. पर जब तक ऐसा नहीं हो जाता, लोग तनाव और त्रासदी के दौर से गुजरते हैं. इस स्थिति को मेडिकल भाषा में टेलोजन एफ्लूवियम कहते हैं.
हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के डरमेटोलॉजिस्ट डॉ यशा उपेन्द्र ने बताया कि दरअसल हमारे बालों का उगना और झड़ना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. यह तीन चरणों होता है. पहला स्तर है एनाजेन या ग्रोथ फेज. दूसरा है कैटाजेन या ट्रांजिशनल फेज और तीसरा है टेलोजन या रेस्टिंग फेज. आम तौर पर बालों का 5 से 10 फीसदी हिस्सा टेलोजन फेज में होता है जो झड़ता है.
डॉ यशा बताती हैं कि इसका इलाज करने के लिए पहले इसके कारणों को समझना होता है. टेलोजन एफ्लूवियम के लिए अत्यधिक तनाव, खराब पोषण, एकाएक वजन का गिरना, गर्भावस्था और प्रसूति, रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज), कुछ दवाइयां, छिपी हुई बीमारियां या कुछ समय पहले हुई सर्जरी जिम्मेदार हो सकती हैं. इसके लक्षण किसी रोग के इलाज या सर्जरी के पांच-छह माह बाद भी प्रकट हो सकते हैं. पर यह स्थिति आम तौर पर रिवर्सिबल होती है, अर्थात पूर्वावस्था को लौट जाती है.
इसके लक्षण एलोपेसिया (बालों का झड़ना) से मिलते जुलते होते हैं जिसका इलाज तत्काल प्रारंभ करना होता है. एक प्रशिक्षित और योग्य चिकित्सक ही सही स्थिति का पता लगा सकता है. यह इसलिए भी जरूरी है कि बालों का झड़ना अधिकांश लोगों के लिए अपने आप में तनावपूर्ण होता है. तनाव की स्थिति में टेलोजन एफ्लूवियम और भी आक्रामक हो जाता है. पहले से भी ज्यादा हेयर फालीकल इस फेज में आ जाते हैं और बालों का झड़ना बंद हो जाता है.