Vesicocutaneous fistula with hypertrophied scan

30 साल पहले पेट पर से गुजरा था ट्रक, आरोग्यम में मिली राहत

भिलाई। खुनूलाल के पेट पर से होकर ट्रक गुजर गया था. 30 साल पहले हुई इस दुर्घटना में उसका जीवन तो बच गया था पर पेशाब की एक अबूझ समस्या आज तक बनी हुई थी. 56 वर्षीय खुनूलाल काफी तकलीफ में था. अंततः वह आरोग्यम सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल पहुंचा जहां उसकी सर्जरी की गई. अब उसे पूरा आराम हो गया है.
आरोग्यम के वरिष्ठ यूरोसर्जन डॉ नवीनराम दारूका ने बताया कि हादसे में मरीज के मूत्राशय को भी काफी चोटें पहुंची थी. ब्लैडर फट गया था जिसकी मरम्मत कर दी गई थी. पर इस ट्रॉमा के बाद भी कुछ समस्याएं बची हुई थीं तो समय के साथ जटिल होती चली गई. मरीज की पेशाब नली सिकुड़ने लगी थी. मरीज को मूत्रत्याग करने में काफी समस्या होती थी.
आरोग्यम सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल में लाए जाने के बाद मरीज की पूर्ण जांच की गई. मरीज को वेसिकोक्यूटेनस फिस्टुला की शिकायत तो थी ही, ऑपरेशन वाली जगह पर हाइपरट्रोफाइड स्कार बन गया था. साथ ही मूत्रनली की सिकुड़न को भी ठीक करना था. मरीज की सर्जरी कर दी गई.
मरीज ने बताया कि अब उसे सभी समस्याओं से राहत मिल गई है. उन्होंने मान लिया था कि दुर्घटना के बाद जान बच गई है यही बहुत है. थोड़ी तकलीफ तो रहेगी ही. पर अब वे पहले जैसा महसूस कर रहे हैं. पेट पर आपरेशन से बनी मोटी लाल धारी भी गायब हो गई है. पेशाब की तकलीफ से भी पूरी तरह छुटकारा मिल गया है.

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