Chhattisgarhi Bhakha Diwas observed in MJ College

एमजे कालेज में छत्तीसगढ़ी भाखा दिवस पर दोहे-मुहावरों की बौछार

भिलाई. एमजे कालेज में आज छत्तीसगढ़ी भाखा दिवस का आयोजन किया गया. विद्यार्थियों ने इसमें छत्तीसगढ़ी मुहावरों, लोकोक्तियों और दोहों की बौछार कर दी. फार्मेसी विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के आरंभ में छत्तीसगढ़ राज गीत “अरपा पैरी के धार” का गायन किया गया. दैनन्दिन जीवन में छत्तीसगढ़ी के अधिकाधिक उपयोग का संकल्प लिया गया. यह आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा किया गया था.
एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की डायरेक्टर डॉ श्रीलेखा विरुलकर विद्यार्थियों के निर्देश एवं एमजे कालेज फार्मेसी विभाग के प्राचार्य डॉ विजेन्द्र सूर्यवंशी के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने छत्तीसगढ़ी गीत प्रस्तुत किए. छत्तीसगढ़ मुहावरों, लोकोक्तियों और हाना पर केन्द्रित गतिविधियां संचालित की गईं. कार्यक्रम का अंत राऊत नाचा के दौरान पढ़े जाने वाले दोहों के साथ हुआ जिसमें सब ने मिलकर साथ दिया.
आरंभ में सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के दो दशक बीत जाने के बाद अब वक्त आ गया है कि हम छत्तीसगढ़ी भाषा, संस्कृति एवं परम्परा पर गर्व करने की दिशा में आगे बढ़ें. बोरे-बासी और अपनी भाषा को लेकर स्वयं छत्तीसगढ़ के बाशिंदे दोमने की स्थिति में हैं. यही कारण है कि राज्य शासन ने बोरे-बासी दिवस मनाने की शुरुआत की. शासन के बड़े-बड़े नेता और अधिकारी अब छत्तीसगढ़ी में अपना भाषण करने लगे हैं. अब हमारी बारी है कि हम भी अपनी भाषा, संस्कृति और खानपान पर गर्व करें और उसे आगे बढ़ाएं.
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन फार्मेसी विभाग के सहा. प्राध्यापक पंकज साहू ने किया.

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