Blood in stool may mean ulcerative collitis

मलत्याग के समय खून का जाना खतरनाक, यह भी हो सकती है वजह

भिलाई. आम तौर पर शौच में खून देखने के बाद लोग कूदकर इस नतीजे पर पहुंच जाते हैं कि बवासीर हो गया है. तत्काल वह कुछ घरेलू उपाय प्रारंभ कर देता है. कुछ समय के लिए स्थित संभल जाती है पर फिर से शौच में खून जाने लगता है. यदि यह स्थित बार-बार बनती है तो तत्काल किसी गैस्ट्रो विशेषज्ञ से जांच करवानी चाहिए. यह खतरनाक अल्सरेटिव कोलाइटिस का भी लक्षण हो सकता है. यदि यह कैंसर में तब्दील हो गया तो जान को जोखिम उत्पन्न हो जाता है. पिछले 8 महीनों में इस मर्ज को 50-60 मरीज हाइटेक आ चुके हैं.
हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के गैस्ट्रो विशेषज्ञ डॉ आशीष देवांगन ने बताया कि बीएसएफ का एक 29 वर्षीय जवान हाइटेक पहुंचा था. उसे काफी लंबे समय के साथ पेट में मरोड़ पड़ रहे थे. कभी-कभी शौच में रक्त भी जा रहा था. छह महीने में इसका वजन भी काफी गिर चुका था और वह बेहद कमजोरी महसूस कर रहा था. जांच करने पर वह अस्लरेटिव कोलाइटिस का मरीज निकला. यह कोई जानलेवा बीमारी नहीं है पर लापरवाही से यह कैंसर में तब्दील हो सकता है जिसमें जान को जोखिम हो जाता है.
बड़ी आंत के भीतरी सतह पर होने वाले छाले को अल्सरेटिव कोलाइटिस कहते हैं. इसके लक्षणों को अलग से पहचान पाना बहुत मुश्किल होता है. आरंभिक लक्षणों में पेचिश, पेट में मरोड़ आना, तेजी से वजन घटना तथा मल के साथ रक्त जाना आदि शामिल हो सकते हैं. रोग बढ़ने पर मलत्याग में परेशानी हो सकती है.
उन्होंने बताया कि इसका सम्पूर्ण इलाज संभव नहीं है पर कुछ सावधानियां बरतकर और औषधियों से इसे काबू में रखा जा सकता है. स्थिति बिगड़ने पर सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है. लापरवाही भारी पड़ सकती है. बड़ी आंत के छाले कैंसर में तब्दील हो सकते हैं और फिर बड़ी सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है. रोग बेकाबू होने पर मरीज की मौत भी हो सकती है. इसकी जांच के लिए सीटी स्कैन किया जा सकता है. कोलोनोस्कोप से इसकी सटीक जांच की जा सकती है.

display pic credit : everydayhealth.com

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