The unparalleled Indian breakfast

नाश्ते में पोहा जलेबी कॉम्बिनेशन का कोई जवाब नहीं

जरूरी नहीं कि संतुष्टि केवल महंगी चीजों से मिले, कभी-कभी पोहा-जलेबी भी वह मजा दे जाती है जो सैंडविच और जूस नहीं दे पाते. शादी में एक रिश्तेदार मिले. चार साल पहले पढ़ने के लिए वो यूके गए थे और फिर वहीं के होकर रह गए. अब वो हिन्दी भी अंग्रेजों की तरह बोलते हैं. जिस रेसॉर्ट में शादी थी, वहीं मेहमानों को ठहराया भी गया था. सुबह-सुबह वो बाहर घूमते मिले. उनकी चाल में व्यग्रता थी. रात की वेट पार्टी के बाद सुबह पेट कुछ जल्दी ही खाली हो जाता है. भूख लगी थी और रिसॉर्ट का किचन खुलने में अभी वक्त था. उनकी अर्जेंसी ताड़ कर हमने उन्होंने घूमने चलने का प्रस्ताव दिया. उन्होंने एक नजर अपनी कलाई घड़ी पर मारी और तैयार हो गये. मैं उन्हें सीधे ठेले पर ले गया. आलू की पनियल सब्जी के साथ पोहा मिल रहा था. पीछे एक दूसरे ठेले पर जलेबियां चाश्नी में कूद रही थीं. उन्होंने पहले तो मुंह बनाया. पर इधर-उधर से आती भोजन की खुशबू के आगे ज्यादा देर तक टिक नहीं पाये. पोहे में पड़ी छोटी सी चम्मच को देखकर पहले मुंह बिसूरा और फिर पोहा मुंह में डाला. आलू की तरी और पोहा सटासट गले से उतरने लगा. तीन प्लेट पोहा खाने के बाद उन्होंने प्लेट रख दी. फिर जलेबी का बारी आई. चाश्नी में अभी-अभी कूदी गर्मागर्म कुरकुरी जलेबी में वो कुछ ऐसे रमे कि कई प्लेट सड़प कर गए. चाय-काफी को उन्होंने मना कर दिया. इसके बाद तीन दिन तक सुबह का हमारा यही क्रम बना रहा. रबड़ी जलेबी, पूड़ी-सब्जी जलेबी और पोहा-जलेबी कॉम्बिनेशन ने उनका सैंडविच, पैस्ट्री, पास्ता, नूडल्स भुला दिया. दरअसल भारतीय व्यंजनों की बात ही और है. यहां सीजन के हिसाब न केवल कपड़ा-लत्ता बल्कि खान-पान भी बदल जाता है. नाश्ते का तो जायका ही और होता है. दरअसल, उस दिन सुबह पोहा जलेबी सूझने के पीछे भी एक फेसबुक रील का हाथ था. एक छोटी सी बच्ची हर सवाल का छत्तीसगढ़ी में सटा-सट जवाब दे रही थी. उसीके मुंह से सुना कि जलेबी हमारी राष्ट्रीय मिठाई है. हमारा ज्ञान राष्ट्रीय पशु-पक्षी, फल और फूल से आगे नहीं जा पाया था. हमारे यहां सुबह सुबह नाश्ता ठेले पर ही मिलता है. इडली दोसा, सांभर वड़ा से भी पहले गुलगुला, पोहा और जलेबी की दुकानें खुलती हैं. बस रील का ज्ञान काम आ गया और एक हिन्दुस्तानी अंग्रेज की घर वापसी हो गई.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *