Hunar 2022 at SSMV Bhilai

श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के हुनर-2022 में “नटवक्कम” का प्रयोग

भिलाई. श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में ‘हुनर 2022’ का आयोजन 12 दिसम्बर से 17 तक किया जा रहा है. 12 एवं 13 दिसम्बर को वार्षिक क्रीडा महोत्सव का आयोजन किया गया. 14 दिसम्बर को अकादमिक कार्यक्रम के तहत सोशल मीडिया अभिशाप या वरदान विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में 24 प्रतिभागियों ने पक्ष एवं विपक्ष में भाग लिया. इस प्रतियोगिता में पक्ष में प्रथम स्थान पर प्रकृति पाण्डेय एवं द्वितीय स्थान पर मनीष पनिका रहे.
इसी तरह विपक्ष में प्रथम स्थान पर विधि शर्मा एवं शिवांगी सेना ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया. 14 दिसम्बर को ही राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के उपलक्ष्य पर महाविद्यालय के एनर्जी कंजरवेशन सेल द्वारा तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसका थीम एनर्जी कंजरवेशन रखा गया. प्रतिभागी इसी थीम पर चिट उठाकर अपने विचार प्रस्तुत किए. तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर मनीष पनिका एवं द्वितीय स्थान पर प्रकृति पाण्डेय रही.
ऑफिसर्स एसोसिएशन भिलाई इस्पात संयंत्र एवं श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में हस्तकला प्रदर्शनी कौशल का आयोजन दिनांक 14 दिसंबर 2022 को किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि श्री रेमी थॉमस सीनियर मैनेजर (ई.आर.एस.) एवं विशिष्ट अतिथि श्री अखिलेश मिश्रा सीनियर मैनेजर (इनकाॅस) थे. इस अवसर पर श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के डीन एकेडमिक डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव एवं महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ अर्चना झा उपस्थित थी. मुख्य अतिथि श्री रेमी थाॅमस ने इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति का उदाहरण है. विशिष्ट अतिथि श्री अखिलेश मिश्रा जी ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें इस प्रयास के लिए पुरस्कार स्वरूप 5000 रूपये देने की घोषणा की.
विद्यार्थियों द्वारा इस कौशल प्रदर्शनी में विभिन्न राज्यों के कला जैसे मंडला आर्ट, मधुबनी लिप्पन आर्ट के अतिरिक्त पेंसिल कलर ड्राइंग, आॅरिगेमी, मृदा कला, बेस्ट आॅफ द बेस्ट एक्रेलिक, वर्ली आर्ट, क्रोशिया, दिया डेकोरेशन, मिरर वर्क, वाटर कलर, पोट्रेट ड्राइंग, ग्लास पेंट, क्ले वर्क, आइल पेंट जैसे विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन किया.
इस अवसर पर राव सर ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से भारतीय संस्कृति को बढ़ावा मिलता है. डॉ. अर्चना झा ने कहा कि अपनी संस्कृति से जुड़े रहने का यह एक सराहनीय प्रयास है. विद्यार्थियों को पुरस्कार स्वरूप 5000 रूपये मिलने पर इसके लिए उन्हें बधाई दी. इस आयोजन में 32 विद्यार्थियों ने अपने अपने स्टाल लगाए थे.
इसमें प्रथम पुरस्कार अभिषेक शर्मा को मिला द्वितीय पुरस्कार मोहम्मद फैयाज, तृतीय पी. वेदिका एवं 5 सांत्वना पुरस्कार क्रमशः त्रांजल वर्मा, खुशबू गुप्ता, झरना ठाकुर, खुशी जैन, शुभी चैबे को मिला.
सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत एकल गीत एवं वाद्य यंत्र बजाओं प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. एकलगीत के अंतर्गत विद्यार्थियों ने नए पुराने गीतों की समा बांध दी तो वहीं भक्तिगीतों के रस से सभागार को सराबोर कर दिया. एकल गायन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर सूचिता ठाकुर एवं द्वितीय स्थान पर पलक उपाध्याय रही.
वाद्य यंत्र बजाओं प्रतियोगिता के अंतर्गत पायल उपाध्याय ने नटवक्कम वाद्य यंत्र का अनूठा प्रयोग किया. इस यंत्र के द्वारा रामायण की चैपाई का भावपूर्ण प्रदर्शन किया गया. इस छोटे से वाद्य यंत्र में पीएच.डी. डिग्री प्राप्त करने की संभावना जताई गयी. वाद्य यंत्र प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर पलक उपाध्याय (नटवक्कम) एवं द्वितीय स्थान पर हर्षित सिंह (सिंथेसाइजर) रहे. इस कार्यक्रम के निर्णायक श्री आरिफ मोहम्मद (माइनिंग इंजीनियर, गीतकार एवं संगीतकार), रूख्सार खान (शास्त्रीय एवं सुगम संगीत में प्रशिक्षित, दोहा एवं चैपाई में गिनिज वल्र्ड आफ बुक में नाम दर्ज), वीणा माखिजा (शास्त्रीय संगीत गायिका एवं आल इंडिया रेडियो गायिका) उपस्थित रहे. तीनों जजों भी कार्यक्रम में अपने सुरों की ऐसी छटा बिखेरी की पूरा सभागर गूंजाएमान हो गया. अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं सीडबाॅल भेंटकर उनका सम्मान किया.

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