National Workshop inaugurated in Science College

साईंस कालेज में 7 दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम उद्घाटित

दुर्ग. भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक और तकनीकी अवसंरचना का उपयोग करते हुए सहक्रियात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रम योजना के तहत शास. वि. या. ता. स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला ‘Training Program on Scientific Research Instrument’ का शुभारंभ 13.12 को किया गया. यह कार्यशाला वनस्थली विद्यापीठ, राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है.
उद्घाटन समारोह में उपस्थित मुख्य अतिथि डाॅ. अभिषेक पल्लव, पुलिस अधीक्षक, दुर्ग जिला ने विज्ञान के क्षेत्र में उपकरणों के आधारभूत सिध्दांत, सही अनुप्रयोग एवं दिषात्मक अध्ययन पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि नौकरी की कोई कमी नही है, मात्र डिग्री काफी नही है, अपितु कौशल विकास एवं मूल्य आधारित दिषा में अध्यापन कर आज की चुनौतियों का सामना कर अपने मुकाम हासिल करने हेतु प्रोत्साहित किया.
क्षेत्रीय अपर संचालक डाॅ. सुषील चन्द्र तिवारी आधुनिक उपकरणों का प्रषिक्षण की आवष्यकता पर जोर दिया एवं छत्तीसगढ़ उच्चषिक्षा विभाग की ओर से छत्तीसगढ़ के इस महाविद्यालय को इस योजना के तहत चयनित करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ साईंस एण्ड टेक्नालाॅजी का आभार व्यक्त किया.
प्रो.एच.एस. तिवारी, गुरूघासी दास विश्वविद्यालय, बिलासपुर ने अवगत कराया कि डीएसटी-स्तृति योजना के तहत इस महाविद्यालय के चयन अध्यापन एवं शोध क्षेत्रों की उपलब्धियों के आधार पर किया गया है. डाॅ. परवेज अल्वी, संयोजक, डीएसटी-स्तृति योजना, वनस्थली विद्यापीठ, राजस्थान ने अपने उद्बोधन में डीएसटी-स्तृति योजना के उद्गम, महत्व एवं उसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला.
कार्यक्रम के समन्वयक डाॅ. अनुपमा अस्थाना ने इस कार्यशाला की उपयोगिता की जानकारी दी एवं सभी उपस्थित अतिथियों, वक्ताओं एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया. कार्यक्रम सचिव डाॅ. अजय सिंह ने 7 दिवसीय कार्यशाला की विस्तृत जानकारी दी.
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. सुनीता बी. मैथ्यू एवं डाॅ. सुनीता सांवरिया ने किया. कार्यशाला में विभिन्न राज्य के 40 प्रतिभागियों एवं महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहें.
तकनीकी सत्र में गुरूघासी विश्वविद्यालय, बिलासपुर के प्रो. एस.एस. तिवारी, प्रो. जय सिंह एवं प्रो. एस.बैनर्जी ने एक्सआरडी, सेम की कार्यप्रणाली एवं सूक्ष्मतरंग द्वारा संश्लेषण को विस्तारपूर्वक समझाया.

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