दिमाग का पेट से गहरा रिश्ता, दोनों का रखें ध्यान – डॉ प्रशांत
एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग में सकारात्मकता पर व्याख्यान
भिलाई। प्रसिद्ध मनोरोग चिकित्सक डॉ प्रशांत अग्रवाल ने आज कहा कि मस्तिष्क का पेट से गहरा रिश्ता होता है. पेट चंगा तो मन प्रफुल्लित और मन प्रफुल्लित तो पेट भी स्वस्थ. सकारात्मक सोच और संतुलित भोजन से हम अपने जीवन को श्रेष्ठ बना सकते हैं. वे एमजे कॉलेज ऑफ नर्सिंग में लायन्स क्लब भिलाई पिनाकल द्वारा आयोजित अतिथि व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे.
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर की प्रेरणा से आयोजित इस व्याख्यान में डॉ प्रशांत ने कहा कि अच्छी सोच आपके ऊर्जा स्तर और कार्यक्षमता को बढ़ाती है. इससे आपको पेट संबंधी समस्या भी कम होती है. ठीक इसी तरह यदि आप संतुलित और पौष्टिक भोजन करते हैं तो मस्तिष्क में अच्छे हारमोन्स का रिसाव होता है जो आपकी सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है. मस्तिष्क और पेट के इस संबंध को गट-ब्रेन एक्सिस कहा जाता है.
उन्होंने कहा कि जीवन में नकारात्मकता के कुछ बाह्य कारण भी होते हैं. हमें इनसे लड़ना सीखना पड़ता है. किसी ने कुछ कह दिया तो हमें अच्छा नहीं लगा तो उसे दिल पर न लें. कोई क्या कह रहा है इसके लिए आप जिम्मेदार नहीं हो सकते. इसी तरह ज्यादा पढ़ने के चक्कर में नींद की उपेक्षा न करें. यदि आपकी नींद कम होगी तो दिमाग में कंफ्यूजन पैदा होगा. यह परीक्षा में आपके परफॉरमेन्स को खराब कर सकता है. सुबह जल्दी उठना है तो रात को जल्दी सो जाएं. पढ़ने के बीच में थोड़ी देर का विराम दें. उठकर थोड़ा बाहर टहल आएं. इससे पढ़ाई का स्ट्रेस नहीं होगा. स्ट्रेस अनेक परेशानियों का कारण है.
कार्यक्रम में लायन्स क्लब पिनाकल की अध्यक्ष लायन मीना सिंह एवं कोषाध्यक्ष लायन शालिनी सोनी, महाविद्यालय के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन, उप प्राचार्य सिजी थॉमस, ममता सिन्हा, नेहा देवांगन सहित सभी फैकल्टी मेम्बर्स और नर्सिंग छात्राएं मौजूद थीं. अंत में धन्यवाद ज्ञापन लायन्स पिनाकल की अध्यक्ष ने किया.