Patient with broken ribs and punctured lungs survives at Hitek

टूटी पसलियां, धंस गई छाती, फेफड़े को भी लगाने पड़े टांके

भिलाई. सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल एक 32 वर्षीय युवक को हाइटेक अस्पताल लाया गया था. उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और आक्सीजन सैचुरेशन लगातार कम हो रहा था. परिजनों ने युवक का सीना दिखाए हुए बताया कि सांस लेने पर सबकी छाती फूलती है पर इसकी पिचक रही है. इसे मेडिकल भाषा में Flail Chest कहा जाता है. दरअसल, युवक की दो पसलियां टूटकर लटक गई थीं. फेफड़ा घायल था और छाती में खून भरा हुआ था.
कार्डियो थोरासिक सर्जन डॉ रंजन सेनगुप्ता ने बताया कि मरीज नौमेश की हालत तेजी से बिगड़ रही थी. पसली की टूटी हुई हड्डी लटक रही थी और फेफड़े को जख्मी कर रही थी. इसलिए जो कुछ करना था जल्दी करना था. हमने मरीज को तत्काल ओटी में लिया. छाती खोलकर पहले वहां जमें डेढ़ लीटर खून को साफ किया गया. टांके लगाकर फेफड़े की मरम्मत की गई. बायें सीने की दो पसलियां टूट गई थीं. प्लैटिनम प्लेट लगाकर उन्हें जोड़ दिया गया. इसके बाद मरीज की स्थिति तेजी से सुधरी. आक्सीजन सैचुरेशन भी तेजी से सुधरने लगा.
राजनांदगांव निवासी नौमेश के परिजनों ने बताया कि स्थानीय अस्पतालों ने मरीज की स्थिति को गंभीर बताते हुए तत्काल किसी बड़े अस्पताल ले जाने की सिफारिश की थी. यह सुनकर उनका दिल बैठने लगा था. पर अब वे खुश हैं कि नौमेश न केवल ठीक है बल्कि जल्द ही वह काम पर लौट सकेगा.

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