डायलिसिस में लापरवाही पड़ी भारी, अचोतावस्था में पहुंचा आरोग्यम
भिलाई। डायलिसिस के शेड्यूल के साथ खिलवाड़ करना कभी-कभी भारी पड़ जाता है. कुछ ऐसा ही हुआ एक पढ़े लिखे परिवार के साथ. हालत बिगड़ने पर मरीज को आरोग्यम हॉस्पिटल रिफर कर दिया गया. मरीज को जब यहां लाया गया तो वह अचेत था और उसकी सांसें उखड़ी हुई थीं. उसे आईसीयू में रखकर तत्काल इलाज प्रारंभ किया गया. दो दिन बाद जब उन्हें होश आया तो मरीज के परिजनों के साथ ही अस्पताल ने भी राहत की सांस ली.
आरोग्यम के डॉ नवीन राम दारूका ने बताया कि 50 वर्षीय तानसिंह CKD के मरीज हैं. उनकी नियमित रूप से डायलिसिस होती रही है. पर कुछ समय से वे इसपर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे थे. अंततः वही हुआ जिसका खतरा था. जिन मरीजों की किडनी खराब होती है उन्हें नियमित रूप से डायलिसिस की जरूरत पड़ती है. क्षतिग्रस्त किडनी रक्त में विषाक्त पदार्थों, अम्ल-क्षारों और पानी की मात्रा का संतुलन नहीं बना पाती. बढ़े हुए पदार्थों की यह मात्रा शरीर के लिए प्राणघातक सिद्ध हो सकती है.
मरीज को आरोग्यम लाया गया तो वे अचेत थे. सांसें उखड़ी हुई थीं. शरीर में काफी सूजन था. उन्हें तत्काल आईसीयू में लेकर उनकी अर्जेंट डायलिसिस शुरू कर दी गई. साथ ही सांस के लिए वेन्टीलेटर भी लगा दिया गया. दो दिन तक इसी स्थिति में रहने के बाद मरीज को होश आया. इसके बाद वेन्टीलेटर हटा दिया गया और डायलिसिस की बारम्बारता भी कम कर दी गई.
मरीज अब खतरे से बाहर है. उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. साथ ही यह हिदायत भी दी गई है कि वे खान-पान और डायलिसिस के शेड्यूल का ध्यान रखें.