लिवर से लेकर पित्त की नली तक पूरा था जाम, हाइटेक में हुई सर्जरी
भिलाई। पेट दर्द एवं पीलिया की शिकायत लेकर एक महिला हाइटेक हॉस्पिटल पहुंची. पहले इसे पित्ताशय की पथरी का मामला बताया गया था. पर मरीज ने दूसरे सर्जरी से पहले एक और डाक्टर को दिखाना जरूरी समझा. उसने पित्त की थैली का आपरेशन नहीं करवाया और हाईटेक हॉस्पिटल पहुंची. जांच करने पर पता चला कि उसके लिवर में हाइडेटिड सिस्ट (hydatid cyst) था. यह सिस्ट फट चुका था और उससे छोटे-छोटे सिस्ट निकलकर पित्त की नली को अवरुद्ध कर चुके थे. इस स्थिति को Complicated hydtid cyst with billiary communication कहते हैं.
हाइटेक के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ आशीष देवांगन एवं लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ नवील शर्मा ने बताया कि यह एक रेयर केस था. 30 वर्षीय इस महिला की जांच करने पर चौंकाने स्थिति पाई गई. हाइडेटिड सिस्ट, परजीवी संक्रमण के कारण होता है जो ज्यादातर लिवर में ही होता है. साथ ही यह किडनी, पेन्क्रियाज, फेफड़ों इत्यादि में भी हो सकता है. यह एक पानी की गांठ होती है जो यदि फट जाए तो मृत्यु की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है क्योंकि इससे पूरे शरीर में संक्रमण फैल सकता है. मरीज की मृत्यु भी हो सकती है.
इस मामले में सिस्ट फटकर उसमें से छोटे-छोटे सिस्ट जिन्हें सिस्ट की बेटियां (daughter cyst) भी कहा जाता है, उनकी पित्त की नली में पहुंच चुकी थी. इसके कारण पित्त के मार्ग में अवरोध उत्पन्न हो गया था और मरीज को पीलिया चढ़ने लगा था. पित्त मार्ग में संक्रमण भी था और नली मवाद से भरी हुई थी.
डॉ देवांगन ने बताया कि मरीज की ईआरसीपी की गई तथा पित्त की नली को यथासंभव खाली किया गया. इसके बाद उसकी स्टेंटिंग कर दी गई. इससे पूरा मवाद भी बह गया. लिवर के भीतर से हाइडेटिस सिस्ट के अंतिम कतरे को भी निकाला गया. साथ ही संक्रमण से बचाने के लिए दवाइयां दी गईं. मरीज अब न केवल सुरक्षित है बल्कि कुछ ही दिनों में घर जा सकती है. समय पर अस्पताल आने की वजह से ही उसकी जान बच पाई है.
डॉ देवांगन ने बताया कि पेट दर्द को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए तथा इसे पालने की गलती तो कभी नहीं करनी चाहिए. पित्त की पथरी हो या लिवर में हाइडेटिड सिस्ट लापरवाही से स्थिति गंभीर हो सकती है और जान को भी जोखिम पैदा हो जाता है. ऐसी कोई भी आशंका होने पर तत्काल किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.