प्रताड़ित शासकीय कर्मचारियों ने बनाई पार्टी, सभी सीटों पर लड़ेंगे
रायपुर. कर्मचारियों के हक में आवाज बुलंद करने के कारण नौकरी गंवाने वाले सरकारी कर्मचारियों ने अब अपनी पार्टी बना ली है. यह पार्टी सरकारी कर्मचारियों की पीड़ा को जुबान देने के साथ-साथ आदिवासियों, युवा बेरोजगारों और मिडिल क्लास की समस्याओं को लेकर आवाज उठाएगी. काफी समय से इस बात की सुगबुगाहट सुनाई दे रही थी कि कुछ अवकाश प्राप्त आईएएस और आईपीएस अधिकारी मिलकर अपनी पार्टी खड़ी कर रहे हैं.
इस पार्टी का नाम होगा आजाद जनता पार्टी. पार्टी ने सभी 90 विधानसभाओं में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. पार्टी का दावा है कि लगभग सभी शासकीय कर्मचारी उनका साथ देंगे. पार्टी के अध्यक्ष उज्जवल दीवान और संजीव मिश्रा इसका दायरा बढ़ा रहे हैं. 100 से अधिक लोगों ने रविवार को पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. उनका दावा है कि 23 हजार से भी अधिक लोग पार्टी से जुड़ चुके हैं. इनमें पूर्व पुलिस कर्मी, वकील, पूर्व शासकीय सेवक सभी शामिल हैं. पार्टी इसी 15 अगस्त को अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी करेगी. इस पर जोर शोर के साथ काम चल रहा है.
स्वयं दीवान और मिश्रा की पुलिस विभाग की नौकरी राजनीति की वजह से गई थी. इसके बाद दोनों ने पुलिस भत्ते, वेतन, प्रमोशन, नियमितीकरण जैसे मामलों को लेकर लगातार आंदोलन जारी रखा. पर अब सभी मुद्दों पर काम किया जाएगा. पार्टी का फोकस आदिवासियों, बेरोजगा युवाओं और कर्मचारी वर्ग पर होगा.
पार्टी ने कांग्रेस और भाजपा से कुछ सवाल पूछे हैं. पार्टी ने पूछा है कि देश में महंगाई कब कम होगी, रोजगार कब मिलेगा, माताओं को 500 रुपये महीना कब मिलेगा, मुफ्त के 4 गैस सिलेंडर कब मिलेंगे, पेट्रोल डीजल के दाम कब कम होंगे, आदिवासियों पर अत्याचार कब बन्द होगा, चिटफंड का पैसा कब लौटाया जाएगा, पत्रकार और वकील सुरक्षा का लाभ कब मिलेगा, भ्रष्टाचारियों को कब तक सरकारें बचाती रहेंगी, वीआईपी प्रथा कब बंद होगी. इसी तरह के तमाम सवाल दोनों दलों से पूछे गए हैं.