Neglected breast cancer can be fatal

संकोच के चलते रीढ़ तक जा पहुंचा स्तन का कैंसर, इलाज हुआ मुश्किल

भिलाई। भारतीय महिलाएं अपना सबकुछ परिवार पर न्यौछावर कर देती हैं. वे अपनी बीमारियों को भी संकोच के चलते छिपाती रहती हैं. पर कभी-कभी यह संकोच भारी पड़ जाता है. हाइटेक हॉस्पिटल में हाल ही में ऐसी ही दो महिलाओं के स्तन कैंसर का मामला सामने आया है. इन महिलओं को कम से कम साल भर पहले से अपने स्तन में गांठ की खबर थी. इनमें से एक का कैंसर रीढ़ तक जा पहुंचा है. ऐसे में इलाज बेहद मुश्किल हो जाता है.
डॉ नवील कुमार शर्मा ने बताया कि इन दोनों महिलाओं की उम्र 52-53 साल के आसपास है. इनमें से एक मरीज को जहां पिछले एक साल से अपने स्तन में गांठ की खबर थी वहीं दूसरी महिला को पिछले लगभग डेढ़ साल से तकलीफ थी. हाल ही में रोग बढ़ने पर दोनों महिलाएं अस्पताल पहुंचीं. जांच में दोनों ही महिलाओं को स्तन कैंसर का शिकार पाया गया.
डॉ शर्मा ने बताया कि इनमें से पहली महिला के दाएं स्तन में लगभग 12 सेंटीमीटर का ट्यूमर बन चुका था. पर अच्छी बात यह थी कि इतनी लंबी अवधि गुजर जाने के बाद भी उनका कैंसर स्तन के अलावा कहीं फैला नहीं था. उनका क्यूरेटिव ट्रीटमेंट संभव था. सर्जरी कर स्तन को हटा दिया गया है. रिकवरी के बाद वे एक लंबी और स्वस्थ जिन्दगी जी पाएंगी.
पर दूसरी महिला के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता. उनका कैंसर स्तन के अलावा भी शेष शरीर में फैल चुका है. डॉ नवील ने बताया कि फिलहाल उनकी रीढ़ तक इस फैलाव का पता चला है. पर कैंसर का यह फैलाव और अंगों तक होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. फिलहाल महिला को कीमोथेरेपी पर रखा जाएगा. यदि परिणाम उत्साहजनक रहे तो सर्जरी भी की जा सकती है पर उनके पूरी तरह ठीक होने का दावा नहीं किया जा सकता. उन्हें अपना शेष जीवन कीमो और अन्य दवाइयों पर ही बिताना पड़ेगा. जीवन की गुणवत्ता भी काफी कम हो जाएगी.
डॉ नवील शर्मा ने बताया कि 40 पार की महिलाओं को स्वयं ही अपने स्तनों की जांच करते रहना चाहिए. कहीं भी कोई संदिग्ध गठान महसूस हो तो तत्काल जांच करवा लेना चाहिए. यदि यह कैंसर हुआ तो आरंभिक स्टेज में पकड़े जाने पर रोगी का इलाज किया जा सकता है. उसकी आयु लंबी हो सकती है और जीवन की गुणवत्ता भी अच्छी हो सकती है.

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