Pseudoaneurism surgery in Hitek Hospital

फटने को थी बांह की नस, हाइटेक में हुई ‘सूडो एन्यूरिज्म’ की सर्जरी

भिलाई। हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में सूडो एन्यूरिज्म के एक मरीज की सर्जरी की गई. उसकी बांह की एक नस जख्मी थी जिसके कारण वहां खून रिस रहा था और वहां काफी सूजन हो गई थी. सूजन वाले स्थल की त्वचा इतनी पतली हो चुकी थी कि वह कभी भी फट सकती थी. दिल तक जाने वाली इस नस के फटने से तीव्र रक्तस्राव हो सकता था और मरीज की जान को भी खतरा उत्पन्न हो सकता था.
मरीज की सर्जरी करने वाले कार्डियोथोरासिक वैस्कुलर सर्जन डॉ रंजन सेनगुप्ता ने बताया कि 34 वर्षीय यह मरीज पिछले काफी समय से परेशान था. बांह की नस में होने वाले इस जख्म और सूजन के पीछे कई कारण हो सकते हैं. चोट लगने पर जब नसें भीतर से जख्मी हो जाती हैं तो उसकी दीवारें कमजोर हो जाती हैं. वहां से रक्तस्राव होता है जो बाहरी दीवारों पर तनाव पैदा होता है और नस फूलने लगती है. नसों के भीतर का यह जख्म पहले कभी डायलिसिस या एन्जियोग्राफी के दौरान लगा हो सकता है.
डॉ सेनगुप्ता ने बताया कि रक्त से भरे गुब्बारे को चीरा लगाकर वहां जमे रक्त को बहाना जरूरी थी. इसके लिए पहले नस की ऊपर और नीचे से क्लैंपिंग की गई. इसके बाद जैसे ही फूले हिस्से में चीरा लगाया गया तो खून का फव्वारा छूटा. अत्यधिक तनाव के कारण नस की बाहरी परत बहुत पतली हो चुकी थी और अपने आप भी फट सकती थी. यदि ऐसा होता तो मरीज का काफी खून बह सकता था. यहां तक कि उसकी जान को भी जोखिम हो सकता था. मरीज को नौ दिन बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
कार्डियोथोरासिक वैस्कुलर सर्जन डॉ सेनगुप्ता ने बताया कि हाइटेक में नसों की सर्जरी की बेहतर व्यवस्था है. पिछले कुछ महीनों में धमनियों और नसों से जुड़े इस तरह के कई मामले आसपास के जिलों से भी यहां पहुंचे हैं जिनकी सफल सर्जरी की गई है. इनमें हृदय रोगों से जुड़ी शल्यक्रियाएं भी शामिल हैं.

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