Penectomy done at Arogyam to fight cancer

आरोग्यम में डेढ़ सौ किलो के मरीज के शिश्न कैंसर की सर्जरी

भिलाई। आरोग्यम सुपरस्पेशालिटी अस्पताल में एक अत्यंत रेयर सर्जरी की गई है. लगभग डेढ़ सौ किलो का यह मरीज पिछले लगभग 3 वर्षों से बिस्तर पर ही जीवन गुजार रहा है. शिश्न मुण्ड पर घाव की शिकायत के साथ मरीज को आरोग्यम लाया गया था. यह घाव लगभग तीन माह से बना हुआ था. जांच करने पर यह कैंसर निकला. मरीज की सर्जरी कर शिश्न को हटा दिया गया है. फिलहाल उसकी हालत स्थिर और खतरे से बाहर है.
आरोग्यम के यूरो सर्जन डॉ नवीन राम दारूका ने बताया कि मरीज से पूछताछ के दौरान ज्ञात हुआ कि मूत्रमार्ग के सिकुड़न के लिए एक बार उनकी पूर्व में सर्जरी की गई थी. इस प्रक्रिया को बक्कल म्यूकोसा ग्राफ्ट यूरेथ्रोप्लास्टी कहते हैं. इसमें जननांगों के आसपास के ऊतकों से मूत्रमार्ग का पुनर्निर्माण किया जाता है. यह सर्जरी कोई लगभग पांच साल पहले हुई थी.
मरीज का अस्पताल पहुंचने पर बायोप्सी कर सैम्पल लिया गया. लैब रिपोर्ट के अनुसार यह स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा था. स्क्वैमस सेल त्वचा की बाहरी परत के ऊतकों को कहते हैं. यह एक आम त्वचा कैंसर है. कैंसर के इलाज के लिए शिश्न को पूरी तरह से हटा दिया गया तथा अण्डकोषों के पीछे से नया मूत्रमार्ग बना दिया गया. यह एक बेहद पेचीदा प्रक्रिया है जिसे पूरा करने के लिए उनकी टीम को तीन घंटे से भी ज्यादा समय लग गया. सर्जरी सफल रही.

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