16yr old girl has solid food for the first time

16 साल की उम्र में इस किशोरी ने पहली बार लिया ठोस आहार

भिलाई। हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल पहुंची इस किशोरी ने कभी ठोस आहार नहीं लिया था. यहां तक की दवा की गोलियों को भी उसे पीस-घोल कर पिलाना पड़ता था. स्तनपान छोड़ने के बाद से ही वह तरल भोजन पर चल रही थी. जब स्थिति अधिक गंभीर हुई तो स्थानीय चिकित्सकों की सलाह पर उसे हाइटेक लाया गया था.
हाइटेक के गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ आशीष चंद्र देवांगन ने बताया कि दरअसल, बच्ची ईसोफेजियल वेब – आहार-नली के जाले की समस्या से जूझ रही थी. इसमें एक जाला सा बनकर आहारनली के मार्ग को अवरुद्ध कर देता है जिसकी वजह से मरीज ठोस आहार नहीं ले पाता. इस बच्ची की स्थिति इतनी गंभीर थी कि वह दवा की गोलियों तक को निगल नहीं पाती थी. इसकी जांच अपर एंडोस्कोपी से सरलता से की जा सकती है. इसके बाद यांत्रिक तरीके से जाले को फैलाकर भोजन के आने-जाने के लिए जगह बना दी जाती है.
डॉ देवांगन ने बताया कि हाइटेक में ईसोफेजियल वेब का यह तीसरा मामला है. इससे पहले दो और मरीजों में यह स्थिति पाई गई थी. ये सभी मरीज महिलाएं हैं. पर इस बार मामला थोड़ा अलग था. यह सुनना और जानना भी अचंभित करता था कि कोई 16 साल की उम्र तक केवल तरल आहार पर ही जीवित था. बहरहाल, मरीज के ईसोफेगस का डाइलेटेशन कर दिया गया और अब उसकी हालत सामान्य है. जब उसने पहली बार चबाकर ठोस आहार लिया तो उसकी खुशी देखने लायक थी.

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