Ureter stricture results in kidney damage

20 साल से बेकार पड़ी थी एक किडनी, दूरबीन पद्धति से हुई सर्जरी

भिलाई। 66 वर्षीय इस महिला की एक किडनी काफी समय से खराब थी. किडनी सूजकर अपने आकार से इतनी बढ़ चुकी थी कि वह पेट के भीतर एक विशाल जगह को घेर चुकी थी. जब तकलीफ बढ़ी तो मरीज ने चिकित्सकीय परामर्श लिया और तब जाकर दाहिनी किडनी के पूरी तरह नष्ट हो जाने का पता चला. इसके बाद भी काफी वक्त यह तय करने में निकल गया कि सर्जरी कहां कराई जाए. अंततः महिला को आरोग्यम सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल लाया गया. मरीज पिछले लगभग 20 साल से किडनी की परेशानी से जूझ रही थी.

यूरोसर्जन डॉ नवीन राम दारूका ने बताया कि ईश्वर ने प्रत्येक मनुष्य को दो किडनियां दी हैं. इसलिए एक किडनी आंशिक या पूरी तरह से भी खराब हो जाए तो कभी-कभी कोई लक्षण नहीं उभरता. रोग अंदर ही अंदर बढ़ता चला जाता है. इस मरीज के साथ भी ऐसा ही हुआ. मूत्रनली के सिकुड़ने की वजह से धीरे-धीरे एक किडनी ने काम करना बंद कर दिया तो दूसरी ने उसका काम संभाल लिया. पर रोगी किडनी का आकार बढ़ता गया और वह अपने आप में एक समस्या बन गया. समय पर समस्या का पता लगने पर किडनी को बचाया जा सकता था.

डॉ दारूका ने बताया कि दूरबीन पद्धति की अत्याधुनिक तकनीक से मरीज की सर्जरी की गई. इसमें दो घंटे से भी ज्यादा का वक्त लगा. इससे मरीज किसी बड़ी सर्जरी से बच गई. मरीज की हालत अब स्थिर है और जल्द ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी. दूरबीन पद्धति से सर्जरी होने के कारण घाव भरने में भी कोई ज्यादा वक्त नहीं लगता और मरीज अपनी नियमित दिनचर्या को लौट सकता है.

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