Yet another achievement of the youngest story teller

3 साल की उम्र से कहानियां सुना रही नायरा की बड़ी उपलब्धि

दुर्ग। महज तीन साल की उम्र से कहानियां सुनाकर सुर्खियों में नायरा ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. उसे छत्तीसगढ़ी फिल्म में नायिका के बचपन के रोल के लिए साइन किया गया है. नायरा अभी केवल 9 साल की है. उसने 5 साल की उम्र में ही अपना नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज करवा लिया था. वह फिलहाल पांचवी कक्षा की छात्रा है.
स्टोरी टेलिंग में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने सबसे छोटी उम्र की कैटेगरी में नायरा का नाम शामिल किया था. उसका नाम 5 साल और 11 माह की उम्र में इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है.
नायरा बताती है कि जब वह 3 साल की थी मां प्रतिभा भेले रात को सोते समय उसे रोज एक कहानी सुनाती थी. इससे उसके भीतर भी स्टोरी टेलिंग की रूचि जागृत हुई. मां की प्रेरणा से राष्ट्रीय किताब मेला रायपुर, राजिम मेला, नगर निगम दुर्ग के लाफ्टर शो, महाशिवरात्रि मेला दुर्ग और धमतरी जैसी जगहों पर स्टेज में कहानी सुनाने की शुरुआत की और शौक को आगे बढ़ाया.
स्टोरी टेलिंग के लिए ही नायरा को मैजिक बुक ऑफ रिकॉर्ड, बाल प्रतिभा समान, सुकन्या समान, डॉ आंबेडकर समान, मदर टेरेसा समान भी मिल चुका है. स्टोरी टेलिंग के अलावा नायरा सरकारी विज्ञापन, शॉर्ट फिल्म, छत्तीसगढ़ी विडियो एल्बम और बड़े पर्दे की हिंदी, छत्तीसगढ़ी और विदेशी फिल्म में चाइल्ड आर्टिस्ट का अभिनय कर चुकीं हैं. आने वाली छत्तीसगढ़ी फिल्म लगन में नायरा हीरोइन के बचपन के लीड रोल में दिखेगी.
हाल ही में विधायक गजेंद्र यादव ने नायरा को गोल्ड मैडल और सर्टिफिकेट देकर समानित किया. इस अवसर पर पार्षद विजेंद्र भारद्वाज, विनायक नातू, पूर्व पार्षद नीलधर पाल व अलका बाघमार, नायरा की मां प्रतिभा भेले भी मौजूद थे.

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