देव संस्कृति विश्वविद्यालय में दीक्षारंभ समारोह का आयोजन
सांकरा दुर्ग। देव संस्कृति विश्वविद्यालय सांकरा, कुम्हारी में छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार दीक्षारंभ समारोह का आयोजन किया गया जिसमें संस्था में अध्ययनरत् समस्त छात्रों एवं स्टाॅफ को आमंत्रित किया गया तथा मुख्य अतिथि के रुप में विश्वविद्यालय के निदेशक श्री वासुदेव प्रसाद शर्मा थे.कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलसचिव डाॅ. कुबेर सिंह गुरुपंच ने की.
इस अवसर पर उपस्थित छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों से अवगत कराया गया एवं छात्र-छात्राएं अपना परिचय दिए इस कार्यक्रम में सप्ताह भर चलने वाली दीक्षारंभ समारोह में आयोजित होने वाले कार्यक्रम संबंधी सूचनाएं, बैनर, पोस्टर रंगोली से कक्षाएं संचालित होने की व्यवस्था समय सारणी, ग्रंथालय, खेल-कूद एवं अन्य गतिविधियों से छात्रों को अवगत कराया गया। इसके साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्येश्य मुख्य प्रावधान, विशेषताएं एवं लाभ से छात्रों को अवगत कराया गया तथा विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम जैसे डी.एस.सी., डी.एस.ई, जी.ई., ए.ई.सी., वी.ए.सी., एस.ई.सी. आदि से विद्यार्थियों को अवगत कराया गया, विद्यार्थियों द्वारा चयन किए गए कोर्सेस जेनेरिक इलेक्टिव का समूह तथा वैल्यू एडीशन कोर्स का समूह, क्रेडिट आधारित कोर्सेस, सतत आंतरिक मूल्यांकन एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा से संबंधित प्रावधानों की विस्तृत रुप से चर्चा की गई जिससे विद्यार्थी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के समस्त प्रावधानों से अवगत हो सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नोडल अधिकारी श्री भागवत शिवारे द्वारा प्रस्तुत अतिथियों का स्वागत किया गया एवं परिचय दिए। कुलसचिव डाॅ. कुबेर सिंह गुरुपंच द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के समस्त पहलुओं पर स्वागत भाषण दिया गया। तथा श्री शर्मा जी द्वारा संस्था में उपलब्ध समस्त सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गई। अंत में आभार प्रदर्शन डाॅ. डिलेश्वरी साहू सहायक प्राध्यापक योग विज्ञान द्वारा किया गया। इस दीक्षारंभ समारोह में शैक्षणिक स्टाॅफ के आरती यादव, भागवत शिवारे, रोहिणी साहू, आयपा कुमारी, रजनी सहारे, चैतन्य साहू, आनंद ताम्रकार आदि न अपने विचार व्यक्त किए तथा दीक्षारंभ समारोह की शुभकामनाएं दी इस कार्यक्रम में छात्रों द्वारा प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा को शांत किए। शासन का यह प्रयास बहुत सराहनीय रहा। सभी ने इस समारोह की भूरी-भूरी प्रशंसा की और आगे कार्यशाला के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति संबंधी गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।