श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में मनोविज्ञान के इतिहास एवं उपयोगिता पर अतिथि व्याख्यान
भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग द्वारा मनोविज्ञान के इतिहास एंव उपयोगिता विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शासकीय महाविद्यालय कवर्धा की मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष ,सहायक प्राध्यापिका डॉ. कविता कन्नौजे जी थी।
अपने व्याख्यान में डॉ. कविता जी ने बताया कि मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में मनोविज्ञान ने मूल्यवान योगदान प्रदान किया है। साथ ही उन्होंने मनोविज्ञान के विकास के विभिन्न चरणों और योगदान कर्ताओं पर प्रकाश डाला।
वर्तमान में बहुत सी शारीरिक समस्याओं का समाधान भी मनोवैज्ञानिक विश्लेषण द्वारा संभव है। साथ ही मनोविज्ञान के ज्ञान से विभिन्न मानसिक रोगों तथा समस्याओं को भी दूर करने में सहायता मिलती है। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अर्चना झा ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि मनोविज्ञान के विभिन्न पहलुओं को समझना अत्यंत आवश्यक है।
महाविद्यालय के डीन अकादमीक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव ने भी बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि सभी शैक्षिक एवं गैर शैक्षिक व्यवसायों में मनोविज्ञान के परामर्शदाताओं के लिए पद सुनिश्चित किए गए हैं।
इस कार्यक्रम में मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. पूर्णिमा तिवारी एवं सहायक प्राध्यापिका मनोविज्ञान विभाग की श्रीमति मीता चुग तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के स्नातक स्तर पर जेनेरिक इलेक्टिव विषय के मनोविज्ञान के 25 विद्यार्थी उपस्थित रहे।