कन्या महाविद्यालय में फेकल्टी डेव्लपमेन्ट प्रोग्राम का आयोजन
दुर्ग। शासकीय डाॅ. वामन वासुदेव पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में श्री अरविन्दों योगा एण्ड नाॅलेज फाऊण्डेशन दुर्ग के संयुक्त तत्वावधान में सात दिवसीय फेकल्टी डेव्लपमेन्ट प्रोग्राम का आयोजन किया गया. फाउण्डेशन की ट्रस्टी डॉ इन्द्राणी घोष ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा में हमारे देश के ऋषि मुनियों का विशेष योगदान है. उनके द्वारा दी गई दिव्यशक्तियां हमें ऊर्जावान, ज्ञानवान बनाती है. उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता प्रो. रविन्द्र ब्रम्हे, भारतीय ज्ञान परम्परा डायरेक्टर, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, कार्यक्रम की अध्यक्ष डाॅ. रंजना श्रीवास्तव, विशेष अतिथि श्री भूपेन्द्र कुलदीप, रजिस्ट्रार हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, डाॅ इन्द्राणी घोष फाऊण्डर एण्ड ट्रस्टी श्री अरविन्दो योगा एण्ड नाॅलेज फाऊण्डेशन दुर्ग उपस्थित रहे.
इस अवसर पर प्राचार्य डाॅ रंजना श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा हमारी शिक्षा से जुड़ी हुई है. इनसे हमें अधिक से अधिक प्रेरणा ग्रहण करनी चाहिए जिससे कि भविष्य में बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके. हमारे पूर्वजों के जो अनुभव हैं, उस अनुभव का हमें लाभ उठाना चाहिए. भारतीय ज्ञान परम्परा विज्ञान से जुड़ी हुई तथ्यों पर आधारित है, जिसे उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से विस्तार से बताया.
श्री भूपेन्द्र कुलदीप ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा भारत में ही नहीं अपितु विश्व में प्रसिद्ध है. भारतीय ज्ञान परम्परा छात्राओं के चरित्र निर्माण में अत्यंत उपयोगी है. गुरू एवं शिक्षक होने के नाते हम सबका दायित्व है कि छात्र-छात्राओं को ऐसा ज्ञान प्रदान करें जो देश, समाज के विकास के साथ उनके व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास में सहायक बने.
प्रो. रविन्द्र ब्रम्हे ने कहा कि तकनीकि उन्नति, नवाचार के द्वारा ही कोई भी देश आर्थिक रूप से सशक्त हो सकता है तथा उन्होंने भारतीय ज्ञान के महत्व को प्रतिपादित करते हुए कहा कि यहां की परम्परा इतनी समृद्ध है कि हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था के साथ जोड़कर भारत के प्रत्येक नागरिक को संस्कारवान बनाया जा सकता है। इस अवसर पर डाॅ अनिल जैन, डाॅ अमिता सहगल, डाॅ मीनाक्षी अग्रवाल, डाॅ केएल राठी, डाॅ किरण बाला पटेल, डाॅ सुषमा यादव, डाॅ मुक्ता बाखला, डाॅ यशेश्वरी ध्रुव, डाॅ मोनिया राकेश, डाॅ अनुजा चौहान, श्रीमती ज्योति भरणे, श्रीमती वंदना बंजारे, डाॅ लता मेश्राम, डाॅ एम लक्ष्मी प्रसूना एवं अतिथि प्राध्यापक उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन सुश्री भूमिका डांगे ने किया तथा आभार प्रदर्शन कार्यक्रम की संयोजिका डाॅ रेशमा लाकेश ने किया.