सड़क हादसे ने ले ली 114 वर्षीय मैराथन रनर फौजा सिंह की जान
जालंधर. अपनी प्रतिभा से दुनिया को चकाचौंध करने वाला एक शतायु एथलीट सड़क हादसे का शिकार हो गया. दुनिया भर में अपने अद्भुत मैराथन रिकॉर्ड्स के लिए मशहूर एथलीट फौजा सिंह का सोमवार को पंजाब के जालंधर में निधन हो गया. 114 साल के फौजा सिंह को जालंधर में उनके घर के बाहर एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी. वह सैर के लिए निकले थे. उनके नाम पर कई अंतरराष्ट्रीय रिकार्ड हैं. उन्होंने एडीडास के लिए विज्ञापन में भी काम किया है.
फौजा सिंह की मौत ने पूरे खेल जगत और उनके चाहने वालों को गहरे शोक में डुबो दिया है. लोग उन्हें न केवल एक महान एथलीट, बल्कि साहस और प्रेरणा के रूप में याद कर रहे हैं. पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है और अज्ञात वाहन व उसके चालक की तलाश जारी है.
अगस्त 1994 में पांचवें बेटे कुलदीप की हादसे में मौत हो गई. उससे पहले 1992 में उनकी पत्नी तथा सबसे बड़ी बेटी के निधन ने उन्हें गहरा सदमा पहुंचाया. 1995 में उन्होंने फिर से दौड़ने का संकल्प लिया. 89 साल की उम्र में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मैराथन में हिस्सा लेना शुरू किया. फौजा सिंह ने अपनी पहली दौड़ 2000 में लंदन मैराथन के रूप में पूरी की.
93 साल की उम्र में उन्होंने एक मैराथन 6 घंटे 54 मिनट में पूरी की, जो 90 से ऊपर की उम्र में दर्ज सर्वश्रेष्ठ समय से 58 मिनट बेहतर था. उसी साल 2004 में वह एडिडास के एक विज्ञापन अभियान में डेविड बेकहम और मोहम्मद अली के साथ नजर आए. 94 साल की उम्र में उन्होंने 200 मीटर से 3000 मीटर तक की दौड़ों में ब्रिटेन के रिकॉर्ड तोड़े.
100 साल की उम्र में फौजा सिंह ने कनाडा के टोरंटो में आयोजित एक स्पेशल इवेंट में एक ही दिन में आठ विश्व रिकॉर्ड बनाए. उन्होंने 100 मीटर से लेकर 5000 मीटर तक की दौड़ों को नए मापदंडों के साथ पूरा किया. 3 दिन बाद उन्होंने टोरंटो वाटर फ्रंट मैराथन पूरी कर दावा किया कि वह 100 साल की उम्र में मैराथन पूरी करने वाले पहले व्यक्ति हैं.
2013 में 102वें जन्मदिन से कुछ सप्ताह पहले उन्होंने हॉन्गकॉन्ग मैराथन में 10 किलोमीटर दौड़ 1 घंटे 32 मिनट में पूरी की और प्रतिस्पर्धात्मक दौड़ से संन्यास लेने की घोषणा की. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि वह सेहत, आनंद और चैरिटी के लिए दौड़ते रहेंगे.