Pigeon dropping can cause lung infections

खतरनाक हो सकती है कबूतर की बीट, खिड़की बाल्कनी से दूर रखें

कबूतरों से इंसानों का रिश्ता पुराना है. लखनऊ, दिल्ली, मुम्बई सहित कुछ शहरो में यह शौक कुछ अधिक है. पर क्या आप जानते हैं कि कबूतरों की बीट में कुछ ऐसे माइक्रोऑर्गेनाइज्म होते हैं जो कई गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं. जब कबूतर का मल सूख जाता है तो ये जीवाणु सूख कर हवा में घुल मिल जाते हैं और सांस के द्वारा शरीर में प्रवेश कर जाते हैं.

कबूतर की बीट में कई खतरनाक बैक्टीरिया और फंगस मौजूद होते हैं इसमें क्रिप्टोकोकस, हिस्टोप्लास्मोसिस और क्लैमाइडिया सिटासी जैसे जीव पाए जाते हैं. जब यह बीट सूख जाती है तो यह हवा में घुल जाती है. इसके साथ इसमें मौजूद छोटे-छोटे फंगल स्पोर्स सांस के जरिए आपके शरीर में जा सकते हैं. इससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है।.

नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट नई दिल्ली के इम्यूनाइजेशन अफसर डॉ पीयूष मिश्रा के मुताबिक कबूतर की बीट में मौजूद बैक्टीरिया, फंगी और पैरासाइट समेत कई सूक्ष्मजीव जब सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं तो इससे फेफड़ों में सूजन, दिमाग की झिल्ली में सूजन या सिटाकोसिस फ्लू नामक बीमारी हो सकती है. इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द और सांस लेने में परेशानी शामिल है. इसके अलावा कबूतर की बीट में साल्मोनेला बैक्टीरिया भी हो सकता है जो पेट से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है.

यदि आपकी खिड़की या बाल्कनी में कबूतरों का आना जाना है तो उसकी सफाई में कुछ खास सावधानियां बरतें. मास्क पहनें, दस्तानों का इस्तेमाल करें, सूखी बीट को गीले कपड़े या डिसइनफेक्टेंट स्प्रे से साफ करें. पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और सफाई के बाद कपड़ों को और हाथों को साबुन से अच्छी तरह धो लें. बीट को खुले में ना फेंके.

खिड़की या बालकनी में पक्षियों के लिए दाना पानी ना रखें. खिड़की या बालकनी में प्लास्टिक का उल्लू रखें जिससे कबूतर डरकर भाग जाएं. डैफोडिल एक ऐसा पौधा है जिसकी गंध कबूतरों को पसंद नहीं होती है, आप चाहें तो इसका पौधा बालकनी में लगा सकते हैं.

 

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. यह दवा या इलाज का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें.

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