प्लास्टिक के मर्तबान में रखते हैं अचार तो हो जाएं सावधान
नई दिल्ली। अचार का सीधा कनेक्शन हमारी दादी-नानी से है. वे चीनी मिट्टी के जार में अचार रखा करती थीं. बीच-बीच में उसे धूप भी दिखाती थीं. इन बर्तनों को मर्तबान कहा जाता है. हालांकि, आजकल अचार प्लास्टिक के डिब्बों में आता भी है और हम उसे रखते भी हैं. पर यह खतरनाक हो सकता है.
प्लास्टिक कंटेनर में अचार स्टोर करना कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है. अचार में मौजूद नमक, तेल और मसाले, प्लास्टिक के संपर्क में आने पर, उससे हानिकारक केमिकल्स जैसे BPA और Phthalates को तेजी से खींच लेते हैं. ये टॉक्सिन्स अचार में घुलकर आपके शरीर में जाते हैं और एंडोक्राइन डिसरप्टर्स की तरह काम करते हुए आपके हार्मोन सिस्टम को बिगाड़ सकते हैं. इसलिए, अगर आपका अचार भी प्लास्टिक के डिब्बे में रखा है, तो इसे तुरंत निकालकर कांच या सिरेमिक के जार में स्टोर कर देना चाहिए, क्योंकि यह आपकी सेहत के लिए खतरे की घंटी है.
यदि आप चाहते हैं कि आपका अचार लंबे समय तक स्वादिष्ट और सेहतमंद बना रहे, तो इसे स्टोर करने का सबसे सही तरीका है कि आप इसे सिरेमिक, कांच या मिट्टी के मर्तबान में ही रखें. ये पारंपरिक कंटेनर अचार के प्राकृतिक स्वाद और पोषक तत्वों को सुरक्षित रखते हैं, साथ ही इनमें प्लास्टिक की तरह किसी भी तरह की हानिकारक केमिकल रिएक्शन होने का खतरा नहीं रहता है.
अगली बार जब आप अचार का सेवन करें, तो यह अवश्य जांच लें कि वह किस बर्तन में रखा गया है. स्वाद के साथ-साथ अपनी सेहत की सुरक्षा के लिए, अब प्लास्टिक को छोड़कर, पारंपरिक मर्तबान को अपनाना ही सबसे बुद्धिमानी है. इसमें आपका अचार सालों-साल खाने के लिहाज से सुरक्षित रहेगा और जल्दी खराब भी नहीं होगा.
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