Modern Agricultural tools enhance profit and reduce labour

आधुनिक कृषि यंत्रों से हो रहे किसान, अनुदान की सुविधा से बनी पहुंच

इस वित्तीय वर्ष में अब तक 882 किसानों को मिला आधुनिक कृषि यंत्र

रायपुर। प्रदेश के किसान खेती-किसानी में आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग कर आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं। वहीं विकसित भारत विजन की परिकल्पना की ओर अग्रसर हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा किसानों को अनुदान पर आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जिससे किसानों को पारंपरागत किसानी से अधिक फायदा हो रहा है।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन द्वारा कृषि के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित हैं जिनसे किसान लगातार लाभान्वित हो रहे हैं, चाहे वो उन्नत बीज हो या अन्य विभागीय योजनाएं। इसी क्रम में बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा किसानों के हित में शासकीय अनुदान पर आधुनिक एवं उन्नत किस्म में विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों को किसानों को उपलब्ध कराया जाता है l

खेती किसानी के विभिन्न चरणों जुताई, बुआई, रोपाई, फसल कटाई जैसे सभी चरणों के लिए अनुदान पर कृषि यंत्र किसान के द्वारा चयन आधार पर उपलब्ध कराया जाता है, इससे उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है। बीज निगम द्वारा किसानों को शक्ति चलित कृषि यंत्र जैसे – रोटावेटर, स्व चलित रीपर, पैडी ट्रांसप्लांटर, लेज़र लैंड लेवलर, पावर वीडर, मल्चर, थ्रेशर, सीड ड्रिल, सहित अन्य आधुनिक कृषि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

इन कृषि यंत्रों के उपयोग से किसानों को समय की बचत के साथ-साथ श्रम लागत में भी कमी हो रही है। किसानों का कहना है कि आधुनिक यंत्रों के प्रयोग से खेती का कार्य कम समय में और अधिक सटीक तरीके से हो पा रहा है, जिससे फसल की गुणवत्ता बेहतर हुई है। परिणाम स्वरूप बाजार में उन्हें उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त हो रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है।

बता दें कि बीज निगम का उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। निगम द्वारा किसानों की आवश्यकताओं के अनुसार कृषि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध कराने की योजना क्रियान्वित है। जिससे कृषि क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा मिल रहा है। वर्ष 2025-26 में अभी तक 882 किसान को अनुदान पर कृषि यंत्रों से लाभान्वित हो चुके हैं।

बिलासपुर जिले के किसान नारायण दल्लू पटेल ने बताया कि पहले एक एकड़ फसल की कटाई में 10-12 मजदूर और पूरा दिन लगता था, जबकि अब वही कार्य 2-3 घंटे में पूरा हो जाता है। इससे कटाई लागत में 50-60 प्रतिशत तक कमी आई है और समय पर कटाई संभव हो सकी है।

रायपुर जिले के किसान हीरालाल साहू ने बताया कि रोटावेटर के उपयोग से खेत की जुताई एक ही बार में हो जाती है। पहले जहाँ खेत तैयार करने में 3-4 दिन लगते थे, अब कुछ घंटों में कार्य पूर्ण हो जाता है। इससे फसल उत्पादन में 20-25 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है।

खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के किसान लेखूराम छेदईया ने अनुदान पर सीड ड्रिल मशीन क्रय किए है। उन्होंने बताया कि इस मशीन का प्रयोग बोआई में करने पर बीज की 15-25 प्रतिशत तक बचत होती है। समान दूरी और गहराई पर बोआई से अंकुरण बेहतर हुआ है और उत्पादन में 20-30 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई।

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