कवि नासिर अहमद सिकंदर को साइंस कालेज ने किया याद
दुर्ग। अपने भूतपूर्व छात्र एवं हिंदी साहित्य के संवेदनशील एवं वरिष्ठ कवि नासिर अहमद सिकंदर के निधन से शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय का हिन्दी विभाग स्तब्ध है। हिंदी विभाग के सभी प्राध्यापकों नें उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देते हुए विभागाध्यक्ष अभिनेश सुराना ने कहा कि साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।
श्री अभिनेष ने कहा कि उनकी कविताएँ मानवीय संवेदना, सामाजिक सरोकार और प्रेम का सशक्त स्वर थीं। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के हाशिए पर खड़े लोगों की पीड़ा को शब्द दिए और इंसानियत के मूल्यों को मजबूती से प्रस्तुत किया। उनके निधन से महाविद्यालय स्तब्ध है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे एवं शोकसंतप्त परिवार को यह दुःख सहन करने की शक्ति दे।
प्राचार्य डॉ. ए. के. सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे अपनी कविताओं में मानवीय करुणा, सामाजिक चेतना और आपसी भाईचारे की भावना को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से अभिव्यक्त करते थे। नासिर अहमद सिकंदर की रचनाएँ समाज की सच्चाइयों से जुड़ी रहीं। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से प्रेम, समानता और इंसानियत का संदेश दिया। मंचीय कवि सम्मेलनों, मुशायरों तथा साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में उनकी सशक्त उपस्थिति सदैव स्मरणीय रहेगी। उनका साहित्य आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देता रहेगा। उनका निधन साहित्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। इस दुःखद अवसर पर हम दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं तथा शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।
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