टसर रेशम से बदली तमनार वनांचल के किसान ललित की तकदीर
रायगढ़। जिले के तमनार वनांचल के छोटे से गांव आमाघाट निवासी ललित गुप्ता की कहानी संघर्ष, मेहनत और आत्मविश्वास की एक प्रेरणादायक मिसाल है। कुछ वर्ष पहले तक वे भूमिहीन होने के कारण केवल मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। सीमित आय और साल भर की अनिश्चित मजदूरी से परिवार चलाना उनके लिए बेहद कठिन था।
परिस्थितियों से हार मानने के बजाय गुप्ता ने अतिरिक्त आमदनी की तलाश शुरू की। इसी क्रम में वे रेशम विभाग, आमाघाट केन्द्र से जुड़कर टसर कृमिपालन एवं टसर बीज निर्माण कार्य करने लगे। शुरुआती दौर में आय कम रही, लेकिन निरंतर प्रयास, धैर्य और सीखने की ललक के कारण कुछ ही वर्षों में उनके उत्पादन और आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि होने लगी। रेशम विभाग के सहयोग से विगत 03 वर्षों में उन्हें लगभग 4.50 लाख रुपये की अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हुई। वर्ष 2024-25 में उन्होंने लगभग 1.05 लाख टसर कोसा का उत्पादन कर 1.93 लाख रुपये का भुगतान प्राप्त किया। साथ ही टसर बीज निर्माण कार्य से उन्हें अतिरिक्त 30 हजार रुपये की आय हुई।
टसर कोसा उत्पादन ने उनकी आजीविका को नई दिशा दी और परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने लगी। इस निरंतर बढ़ती आमदनी से गुप्ता ने अपनी पुत्री का विवाह सम्पन्न कराया एवं अपने कच्चे घर को पक्का मकान बनाया। स्वयं एवं पत्नी के लिए 40,000 रुपये की वार्षिक बीमा किस्त जमा कर रहे है तथा दैनिक आवागमन के लिए एक नई मोटरसाइकिल भी खरीदी। यह सब उनके जीवन में आई सकारात्मक आर्थिक बदलाव की स्पष्ट झलक है।
सर्वश्रेष्ठ टसर कोसा उत्पादक का मिला पुरस्कार
ललित गुप्ता की मेहनत और उपलब्धियों को सम्मान देते हुए वर्ष 2024-25 में मेरा रेशम मेरा अभिमान योजना के अंतर्गत उन्हें सर्वश्रेष्ठ टसर कोसा उत्पादक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान केन्द्रीय रेशम बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार, बैंगलोर (कर्नाटक) द्वारा प्रदान किया गया। ललित गुप्ता ने अपने परिश्रम, लगन और रेशम विभाग के सहयोग से न केवल अपने परिवार को आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि पूरे रायगढ़ जिले को भी गौरवान्वित किया। उनकी सफलता आज अनेक ग्रामीणों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए शासन-प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया।
#TussarSilk #RaigarhCG #Tamnar












