पर्यटकों को लुभाता है रतनपुर का कल्चुरीकालीन गज किला
रतनपुर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी है। यहां प्रचुर संख्या में तालाब हैं जिसके कारण इसे “तालाबों की नगरी” और “छत्तीसगढ़ की धर्मनगरी” भी कहा जाता है। रतनपुर प्राचीन मां महामाया मंदिर, कल्चुरीकालीन किले (गज किला) के लिए प्रसिद्ध है। यह दक्षिण कोशल क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण स्थल रहा है, जिसे राजा रत्नदेव ने अपनी राजधानी बनाया था। यहां स्थित गजकिला एक ऐतिहासिक और पुराआकर्षण है।
रतनपुर किला, जिसे ‘गज किला’ भी कहते हैं, कल्चुरी राजाओं द्वारा 10वीं-12वीं सदी में बनवाया गया था। यह किला अपने जीर्ण-शीर्ण महलों, लक्ष्मीनारायण और जगन्नाथ मंदिर जैसे प्राचीन मंदिरों, बावड़ियों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यहां प्रवेश निःशुल्क है लेकिन ड्रोन और प्रोफेशनल कैमरों से तस्वीरें लेना प्रतिबंधित है।
गजकिले का निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा 10वीं-12वीं सदी के बीच किया गया था। रतनपुर कल्चुरी और मराठा शासन के दौरान छत्तीसगढ़ की राजधानी थी। वर्तमान में यहां महल के खंडहर, बावड़ियाँ, तालाब और कई प्राचीन मंदिर देखने को मिलते हैं। यहाँ भगवान शिव को सिर अर्पित करते हुए रावण की मूर्ति, और आनंदीबाई द्वारा निर्मित लक्ष्मीनारायण मंदिर और कल्याण साय द्वारा निर्मित जगन्नाथ मंदिर हैं.
दर्शनीय स्थल
बिलासपुर से लगभग 25 किमी दूर है। प्रवेश शुल्क नहीं है। महामाया मंदिर। प्राचीन मंदिर और मूर्तियाँ। गज, सिंह, भैरव और गणेश दरवाजे। प्राचीन बावड़ियाँ और तालाब। अक्टूबर से मार्च के बीच का मौसम सुहावना होता है, तापमान लगभग 20-28°C रहता है।
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