ब्लैडर से निकाले कटोरा भर खून के थक्के, 12 जगहों से रिस रहा था खून
एक मरीज के ब्लैडर से लगभग कटोरा भर खून के थक्के निकालने पड़े. इसके बाद उन नसों को सील किया गया जहां से रक्तस्राव हो रहा था. मरीज का पेशाब रुक गया था जिसके कारण उसका ब्लैडर फूल कर तन गया था और वह काफी दर्द में था. यह एक इमरजेंसी थी इसलिए मरीज को तत्काल ओटी में लिया गया.
भिलाई। हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के यूरोसर्जन डॉ नवीन कुमार वैष्णव ने बताया कि मरीज की हालत अत्यंत गंभीर थी. दरअसल, 65 वर्षीय यह व्यक्ति स्ट्रोक का पुराना मरीज था. इसलिए वह ब्लड थिनर (खून पतला करने की दवा) पर था. ऐसे मरीजों में खून रिसने की समस्या हो सकती है. पर आम तौर पर स्थिति ज्यादा गंभीर नहीं होती और स्थिति को कंजर्वेटिव ट्रीटमेंट से ही ठीक किया जा सकता है. पर यह मामला विरल था.
डॉ वैष्णव ने बताया कि मरीज का ब्लैडर पूरी तरह से डिस्टेंड हो चुका था. ब्लैडर में दर्जन भर नसों से रक्त का रिसाव हो रहा था. ब्लैडर के तनाव को कम करने के साथ ही रक्त का रिसाव भी तत्काल रोकना जरूरी थी. सिस्टोस्कोप से सही स्थिति का आकलन किया गया. सक्शन से अनगिनत थक्के निकाले गए जिसके बाद अवरोध समाप्त हो गया और यूरिन पास होना शुरू हो गया. इसके बाद दर्जन भर उन नसों को सील किया गया जहां से रक्तस्राव हो रहा था. यह पूरी प्रक्रिया आधे घंटे में पूरी कर ली गई.
डॉ वैष्णव ने बताया कि मरीज की हालत अब काफी बेहतर है. फिलहाल वह न्यूरोलॉजिस्ट की देखभाल में स्वास्थ्य लाभ कर रहा है.
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