Parvati Sarovar of Adi Kailash is equally enchanting to Mansarovar of Kailash

मानसरोवर जितना ही पावन है आदि कैलाश का पार्वती सरोवर

पिथौरागढ़। तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर की तरह पिथौरागढ़ की व्यास घाटी में स्थित आदि कैलाश को भी भगवान शिव का निवास स्थल माना जाता है. इस स्थल का उल्लेख स्कंद पुराण में भी है. कैलाश पर्वत में मानसरोवर झील है तो आदि कैलाश में पार्वती सरोवर है. यह स्थल 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है. कहा जाता है कि भगवान शिव जब माता पार्वती से विवाह कर कैलाश जा रहे थे तो वह इसी स्थान पर रुके थे. भगवान शिव और माता पार्वती अपने पुत्रों कार्तिकेय और गणेश के साथ भी इस स्थान पर लंबे समय तक रहे. पार्वती सरोवर के समीप 1971 में शिव पार्वती का मंदिर बनाया गया. कुटी गांव के श्रीकृष्ण सिंह कुटियाल, जय सिंह कुटियाल और केदार सिंह कुटियाल ने इसकी नींव रखी थी. इस मंदिर के कपाट मई में खुलते हैं और नवंबर में बंद हो जाते हैं. आदि कैलाश 20-20 ग्रुप ने साल 2024 में आदि कैलाश में नंदी बैल की प्रतिमा स्थापित की. 40 क्विंटल वजनी इस प्रतिमा को अलवर राजस्थान में तैयार कर यहां लाया गया था. इसी ग्रुप के सदस्यों ने वर्ष 2022 में आदि कैलाश में 150 किलो वजनी 28 फुट ऊंचा त्रिशूल स्थापित किया था. 2023 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदि कैलाश जाने के बाद पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई. पिछले दो सालों से 35 हजार से अधिक पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं.

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