रात के भोजन में क्या खाएं – चावल या रोटी? बता रही हैं न्यूट्रिशनिस्ट
भारतीय खानपान सबसे निराला है. आयुर्वेद की इस धरती में भोजन को लेकर जितना संशय हमारे यहां है, अन्यत्र कहीं देखने को नहीं मिलता. बंगाली हो या बिहारी, पंजाबी हो या ओड़िया, यहां तक कि दक्षिण भारतीय थाली में भी अब दो-चार रोटियां और थोड़ा सा चावल देखने को मिल जाता है. बल्कि अब थाली की यही परिभाषा हो गई है. कोई कहता है कि सिर्फ चावल खाने से पेट नहीं भरता तो कोई कहता है कि रोटी के साथ थोड़ा सा चावल हो तो बात बन जाती है. कोई दिक्कत भी नहीं है. भोजन स्वरूचि का ही करना चाहिए. पर क्या यह सही भी है? प्रसिद्ध न्यूट्रिशनिस्ट शालिनी सुधाकर ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया है. शालिनी बताती हैं, ज्यादातर लोग रात के भोजन में रोटी खाते हैं लेकिन रात में चावल खाना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. शालिनी बताती हैं कि रोटी और चावल दोनों में कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट और न्यूट्रिएंट लगभग समान मात्रा में पाए जाते हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि रोटी गेहूं से बनती है इसलिए उसमें ग्लूटेन होता है, जबकि चावल नेचुरली ग्लूटेन-फ्री होते हैं.
ग्लूटेन एक कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट है जिसे पचाने में शरीर को थोड़ी अधिक मेहनत करनी पड़ती है. रात में पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है, ऐसे में रोटी को पचने में ज्यादा समय लगता है. इसके उलट, चावल जल्दी और आसानी से डाइजेस्ट हो जाते हैं, इसलिए रात के समय इन्हें खाना शरीर के लिए सरल होता है. पेट पर ज्यादा लोड नहीं पड़ता, जिससे शरीर रिलैक्स रहता है. वहीं, जब पाचन अच्छा हो तो नींद भी गहरी और आरामदायक आती है. यानी रोटी के मुकाबले चावल खाकर सोने से आपको ज्यादा बेहतर नींद आ सकती है.
हालांकि, चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स रोटी से ज्यादा होता है. यानी चावल खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है. इसलिए डायबिटीज के मरीज या जिनकी शुगर बढ़ने की संभावना है, उन्हें रात में चावल सीमित मात्रा में ही खाने चाहिए. बेहतर है कि आप चावल को अकेला न खाकर इसे फाइबर और प्रोटीन से भरपूर चीजों के साथ खाएं. इसके लिए आप दाल, हरी सब्जियों और दही के साथ चावल खा सकते हैं या चावल से दलिया बनाकर खा सकते हैं. इससे शुगर लेवल अचानक नहीं बढ़ेगा और डिनर संतुलित रहेगा.
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