Sai govt touches every sphere of life

समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए शासन प्रतिबद्ध

रायपुर (डॉ. दानेश्वरी संभाकर)। छत्तीसगढ़ में समाज के कमजोर, वंचित और विशेष जरूरतों वाले वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में तथा समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में बीते दो वर्ष उल्लेखनीय सिद्ध हुए हैं। इस अवधि में पेंशन योजनाओं, दिव्यांगजन सहायता, वरिष्ठ नागरिक कल्याण, आश्रय सुविधाओं, उभयलिंगी पुनर्वास और नशा मुक्ति कार्यक्रमों के क्षेत्र में व्यापक सुधारों और नई पहल का नेतृत्व किया है। योजनाओं की पारदर्शिता पहुंच और प्रभावशीलता बढ़ाकर राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अंतिम व्यक्ति तक सहायता और सुरक्षा पहुँचे। यह कार्यकाल संवेदनशील, जवाबदेह और जनकेंद्रित शासन का वास्तविक उदाहरण प्रस्तुत करता है।

राज्य सरकार ने पेंशन योजनाओं के संचालन में तकनीकी सुधार किए। छह प्रमुख पेंशन योजनाओं इंदिरा गांधी वृद्धावस्था, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, सुखद सहारा तथा मुख्यमंत्री पेंशन योजना के माध्यम से 21.99 लाख हितग्राही लाभान्वित हुए।

डीबीटी भुगतान 98 प्रतिशत और आधार सीडिंग 96 प्रतिशत तक पहुँचने के साथ पेंशन वितरण प्रणाली अत्यंत पारदर्शी और समयबद्ध बनी। ई-केवायसी प्रक्रिया में मृत हितग्राहियों को हटाकर वास्तविक पात्रों को लाभ सुनिश्चित किया गया। मुख्यमंत्री पेंशन योजना के हितग्राही 7.10 लाख से बढ़कर 7.45 लाख होना राज्य की संवेदनशील नीतियों का महत्वपूर्ण परिणाम है।

गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना जीवन रक्षक सिद्ध हुई है। दो वर्षों में 5,110 पात्र परिवारों को 20 हजार रुपए की एकमुश्त सहायता प्रदान की गई, जिससे आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में उन्हें राहत मिल सके।

दिव्यांगजनों की सहायता और सशक्तिकरण के लिए विभाग द्वारा किए गए प्रयास अत्यंत प्रभावी रहे। यूडीआईडी कार्ड लाभार्थी 2.74 लाख तक पहुँचे। सहायक उपकरण वितरण 1,161 से बढ़कर 3,609 हो गया। सामर्थ्य विकास शिविरों में भी वृद्धि हुई और 4,983 दिव्यांगजनों को सीधा लाभ प्राप्त हुआ। ये सभी प्रयास दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी गरिमा सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाते हैं।

छत्तीसगढ़ ने विशेष शिक्षा और पुनर्वास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण विस्तार किया है। सरकारी विशेष विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़कर 1,342 हुई, जबकि स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा संचालित विद्यालयों में 3,049 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। माना कैम्प स्थित फिजिकल रिफरल रीहैब सेंटर और सेरेब्रल पाल्सी गेट लैब की सेवाएँ लगभग दोगुनी हो गईं। ये उपलब्धियाँ विशेष जरूरत वाले बच्चों और युवाओं के लिए आत्मनिर्भर भविष्य का आधार मजबूत करती हैं।

राज्य और केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से दिव्यांग विद्यार्थियों को शिक्षा जारी रखने में बड़ी मदद मिली। राज्य छात्रवृत्ति 7,807 से बढ़कर 8,726 और केंद्रीय छात्रवृत्ति 390 से बढ़कर 423 हुई।

वरिष्ठ नागरिकों में अत्यधिक लोकप्रिय मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को आईआरसीटीसी के सहयोग से पुनः प्रारंभ किया गया। अब तक 6 यात्राओं में 4,697 वरिष्ठजन लाभान्वित हुए हैं। वर्ष 2025-26 के लिए 15 करोड़ रुपए और अतिरिक्त 10 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान इस योजना को और व्यापक बनाता है।

दिव्यांगजनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु रियायती ब्याज दर पर ऋण एवं उत्थान सब्सिडी योजनाएँ अत्यंत सफल रहीं। 2,435 दिव्यांगजनों को रियायती ऋण और 411 लाभार्थियों को उत्थान सब्सिडी प्रदान की गई। इसके अलावा 24.50 करोड़ रुपये के ऋण माफ किए जाकर दिव्यांगजनों को भारी आर्थिक राहत मिली।

घरौंदा, हाफ-वे-होम, अपराजिता और प्रशामक देखभाल गृहों में रहने वाले हितग्राहियों की संख्या बढ़ी है, जो सेवाओं की गुणवत्ता में निरंतर सुधार को दर्शाता है। गंभीर और बहुदिव्यांगजन, मानसिक रोग से स्वस्थ हुए व्यक्ति तथा जरूरतमंद वृद्धजन इन सुविधाओं का लाभ उठाकर सम्मानजनक जीवन जी पा रहे हैं।

उभयलिंगी समुदाय के लिए राज्य सरकार का दृष्टिकोण अत्यंत संवेदनशील रहा है। पहचान प्रमाण पत्र 506 से बढ़कर 915 हुए, वहीं एसआरएस ऑपरेशन के लाभार्थी 5 से बढ़कर 9 हुए। यह समुदाय को मुख्यधारा में लाने और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

नशा मुक्ति के क्षेत्र में उल्लेखनीय विस्तार करते हुए नशामुक्ति केंद्रों की संख्या 11 से बढ़ाकर 25 कर दी गई। लाभार्थी बढ़कर 4,379 हुए। भारत माता वाहिनी दल गतिविधियों के विस्तार के साथ सक्रिय हुआ, जबकि सियान हेल्पलाइन ने 2.73 लाख कॉल प्राप्त कर राज्य में भरोसेमंद सहायता तंत्र स्थापित किया।

सुगम्य छत्तीसगढ़ अभियान के तहत सभी सार्वजनिक भवनों का एक्सेस ऑडिट किया गया। नए विशेष विद्यालयों और आवासीय परिसरों के निर्माण हेतु 205 करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान किया गया। दिव्यांग विकास आयोग गठन एवं बढ़े हुए बजट (1504 करोड़ रुपए से 1575 करोड़ रुपए) ने विभागीय कार्यों को नई ऊर्जा प्रदान की है।

इन दो वर्षों में समाज कल्याण विभाग की उपलब्धियाँ साबित करती हैं कि संवेदनशील और जनकेंद्रित शासन किस प्रकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचकर परिवर्तन ला सकता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सामाजिक सुरक्षा, दिव्यांगजन, सशक्तिकरण, वरिष्ठ नागरिक कल्याण और सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में देश के सामने एक सशक्त और परिणामदायी मॉडल बनकर उभरा है। यह दो वर्ष छत्तीसगढ़ के लिए मानवीय मूल्यों, विकास और संवेदना का मजबूत अध्याय साबित हुए हैं।

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