सोनोग्राफी में शिशु की धड़कन मिली बंद, गर्भवती को लिख दी 14 दिन की दवा
उज्जैन : एक महिला डॉक्टर पर जच्चा बच्चा का गलत इलाज करने का आरोप लगा है। सोनोग्राफी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा था कि बच्चे की धड़कन बंद हो चुकी है, पर डॉक्टर ने इलाज जारी रखा। 14 दिन की दवाइयां भी लिख दी और बच्चे को पूरी तरह स्वस्थ बताया । इस दौरान इंफेक्शन फैलने से गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ी तो परिजनों आनन-फानन में दूसरे डॉक्टर को दिखाया, तब बच्चे की मौत का खुलासा हुआ।
NBT के अनुसार उज्जैन से 12 किलोमीटर दूर दताना गांव की रहने वाले साहिल पटेल की पत्नी मुस्कान गर्भवती थी। गर्भवस्था के शुरुआती दिनों से ही डॉ रुपाली महेश्वरी का इलाज चल रहा था। जब गर्भावस्था के 6 माह हुए तो डॉ रुपाली ने मुस्कान की सोनोग्राफी करवाई, जिसे देखकर कहा कि जच्चा और बच्चा दोनों अच्छे हैं। डेढ़ माह बाद फिर से सोनोग्राफी करवाकर दिखाने का बोला। डेढ़ माह बीतने पर गत 14 नवंबर को मुस्कान सोनोग्राफी करवाकर परिजनों के साथ फिर से पुष्पा मिशन अस्पताल में डॉक्टर के पास पहुंची। सोनोग्राफी रिपोर्ट दिखाई, तब भी डॉ रुपाली ने कहा कि जच्चा और बच्चा स्वस्थ है और 14 दिनों की दवाई लिख दी।
तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर 29 नवंबर को फिर से सोनोग्राफी करवाई। अन्य महिला डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने बताया कि बच्चे की गर्भ में ही मौत हो चुकी है। जब पुरानी रिपोर्ट देखी तो और आश्चर्य हुआ कि 14 नवंबर की सोनोग्राफी रिपोर्ट में भी बच्चे की मौत होना लिखा था। बावजूद इसके इलाज जारी रखा गया। सोनोग्राफी रिपोर्ट के मुताबिक 14 नवंबर के पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी । डॉक्टर की लापरवाही के कारण 14 दिनों तक मृत बच्चे को गर्भ में रखने से इंफेक्शन फैल गया। 29 नवंबर को निजी चिकित्सालय में इलाज करवाकर मृत बच्चे को निकाला गया। गनीमत रही कि जैसे तैसे महिला की जान बच गई।
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