हमें किसी बच्चे से सनातन सीखने की जरूरत नहीं – भूपेश बघेल
भिलाई। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि उन्हें किसी बच्चे से सनातन सीखने की आवश्यकता नहीं है। वे बचपन से हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। उनका बेटा भी आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री से 10 साल बड़ा है। छत्तीसगढ़ कबीर साहेब और गुरु घासीदास की विचारधारा से जुड़ी है। यहां की आध्यात्मिक परंपरा बहुत पुरानी है और किसी बाहरी व्यक्ति से सीखने की जरूरत नहीं है। भूपेश बघेल ने कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री छत्तीसगढ़ में धार्मिक आयोजनों की आड़ में पैसा बटोरने आते हैं और व्यवहार में बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जब धीरेंद्र शास्त्री पैदा भी नहीं हुए थे, तब से मैं हनुमान चालीसा पढ़ रहा हूं। वह कल का बच्चा है और हमें सनातन धर्म सिखाने चला है।’
दरअसल धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि हिंदू समाज को जोड़ना अंधविश्वास है, तो ऐसे लोगों को देश छोड़ देना चाहिए। इसी बयान के बाद सियासत हो रही है। भूपेश बघेल ने दिव्य दरबार को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर वहां लोग ठीक हो रहे हैं, तो फिर मेडिकल कॉलेज खोलने की जरूरत क्यों पड़ रही है। साथ ही उन्होंने आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को खुली चुनौती दी कि वे छत्तीसगढ़ के किसी भी साधु-संत से शास्त्रार्थ कर लें।
दरअसल, भूपेश बघेल द्वारा कथावाचकों पर अंधविश्वास फैलाने के आरोपों के बाद आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा था कि अगर हिंदू समाज को जोड़ना अंधविश्वास है, तो ऐसे लोगों को देश छोड़ देना चाहिए। इसी बयान के बाद सियासी बयानबाजी और तेज हो गई।
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