मेरा फर्ज है कि मैं भिलाई को बचाने खुद को दांव पर लगा दूं : देवेन्द्र
भिलाई। भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव ने कहा है, ‘मेरा फर्ज बनता है कि मैं अपना सब कुछ भिलाई को बचाने के लिए दांव पर लगा दूं, क्योंकि इस शहर ने ही देवेन्द्र यादव को बनाया है। विधायक यादव भिलाई इस्पात प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ यहां दो दिवसीय सत्याग्रह कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार होने के बावजूद केन्द्र खुद अपने ही सांसद की भी नहीं सुन रहा।
बीएसपी टाउनशिप के मकानों, अस्पताल, स्कूल, मैत्रीबाग को बचाने के साथ-साथ रिटेंशन स्कीम में बढ़ी हुई दरों के विरोध में भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव ने दो दिवसीय सत्याग्रह किया। दो दिनों तक उपवास कर विधायक देवेन्द्र यादव अपनी मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं। इस सत्याग्रह में लीज संघर्ष समिति के साथ ही यूनियन लीडर्स, बीएसपी के रिटायर्ट कर्मी भी अपना समर्थन देने पहुंचे।
विधायक देवेन्द्र यादव ने कहा कि वे भिलाई को उजड़ता हुआ नहीं देख सकते, इसलिए उन्होंने यह आंदोलन शुरू किया है। न्यूनतम मजदूरी से लेकर हाउस लीज, रिटेंशन स्कीम, स्कूल, अस्पताल, गार्डन का निजीकरण कर धीरे-धीरे बीएसपी प्रबंधन टाउनशिप को उजाड़ना चाहता है।
उन्होंने कहा कि इन सारे फैसलों के खिलाफ सांसद और पूर्व मंत्री भी लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन डबल इंजन की सरकार में केन्द्र अपने ही सांसद की भी नहीं सुन रहा। उन्होंने अन्य जनप्रतिनिधियों से कहा कि यदि वे उनके मंच पर समर्थन देने नहीं आ सकते तो वे आंदोलन करें। वे उनकी पार्टी के झंडे के नीचे आकर भिलाई के लोगों के लिए आंदोलन करने तैयार हैं।
विधायक देवेन्द्र यादव को समर्थन देने पूर्व विधायक अरूण वोरा, महापौर नीरज पाल, पूर्व महापौर नीता लोधी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकेश चंद्राकर, प्रदेश कांग्रेस के सचिव सुबोध हरितवाल सहित कई जनप्रतिनिधि यहां पहुंचे। वहीं दिनभर चले इस सत्याग्रह में शहर के लोगों ने भी हिस्सा लिया।
शनिवार (20 दिसंबर) की सुबह से बैठे विधायक देवेंद्र पूरी रात सिविक सेंटर में बने पंडाल में ही रहे। उन्होंने कहा कि बीएसपी प्रबंधन के तुगलकी फरमान से हम जनता के छत को नहीं छिनने देंगे।
विधायक देवेन्द्र यादव ने कहा कि यह सत्याग्रह सिर्फ कर्मचारियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे भिलाई शहर और यहां के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए है। इसी कारण बीएसपी की ट्रेड यूनियनों के साथ-साथ सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि भी आंदोलन में शामिल हुए।
विधायक ने आगे कहा कि प्रदेश में बीजेपी की डबल इंजन सरकार के नेता समस्याओं का हल नहीं निकाल पा रहा है। हमने उनको कहा कि वो हमारे आंदोलन में शामिल हों या फिर वो आंदोलन करें हम उनके मंच पर जाएंगे।
विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि बीएसपी कर्मचारियों, अधिकारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों के अधिकारों की लगातार अनदेखी हो रही है। कर्मचारियों पर दबाव बढ़ रहा है और न्यूनतम वेतन जैसी बुनियादी मांगें भी पूरी नहीं हो रही हैं।
केंद्र सरकार की नीतियों के कारण सेल और बीएसपी प्रबंधन भी दबाव में है, जिसका असर सीधे कर्मचारियों और शहर की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।
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