हालात के मारे बुजुर्गों को भेंट कर दी 8000 वर्गफुट की इमारत

भिलाई। एक तरफ जहां जमीन जायदाद के झगड़े में भाई-भाई के खून के प्यासे हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसे ‘भामाशाह’ आज भी हैं जो अपने खून-पसीने की कमाई को जरूरमंदों पर न्यौछावर कर देते हैं। एक ऐसे ही शख्स हैं ए-1 सुपेला के संचालक अजय वीरवानी। उन्होंने अपना 8000 वर्गफुट का पक्का आलीशान मकान निराश्रित बुजुर्गों के लिए दान कर दिया है। उन्होंने इन बुजुर्गों की देखभाल में होने वाले खर्च को भी साझा करने का संकल्प लिया है। भिलाई। एक तरफ जहां जमीन जायदाद के झगड़े में भाई-भाई के खून के प्यासे हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसे ‘भामाशाह’ आज भी हैं जो अपने खून-पसीने की कमाई को जरूरमंदों पर न्यौछावर कर देते हैं। एक ऐसे ही शख्स हैं ए-1 सुपेला के संचालक अजय वीरवानी। उन्होंने अपना 8000 वर्गफुट का पक्का आलीशान मकान निराश्रित बुजुर्गों के लिए दान कर दिया है। उन्होंने इन बुजुर्गों की देखभाल में होने वाले खर्च को भी साझा करने का संकल्प लिया है। हेल्प अस सोसायटी के संचालक देशवीर सिंह अहलूवालिया ने बताया कि उन्होंने बात की बात में ही सोसायटी के क्रियाकलापों का जिक्र श्री वीरवानी से किया था। शहरी एकल परिवारों के बुजुर्गों की व्यथा को उनके साथ साझा किया था। उन्होंने खुर्सीपार के डे-केयर सेन्टर का जिक्र करते हुए भिलाई के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में रहने वालों की समस्याओं का भी जिक्र किया था। इस पर श्री वीरवानी ने अपने कुरुद स्थित भवन का उल्लेख करते हुए उसे बुजुर्गों को समर्पित करने की इच्छा व्यक्त की। जब उन्होंने भवन को देखा तो देखते ही रह गए। यह एक विशाल खूबसूरत दोमंजिला मकान था जिसमें आधुनिक सुख सुविधा की सारी चीजें पहले से मौजूद थी।
श्री अहलूवालिया ने बताया कि से नए प्रकल्प को साई सियान निवास नाम दिया गया है। जैसे ही इसका शुभारंभ हुआ सखी सेन्टर में अपने दिन काट रही महिलाएं यहां पहुंच गर्इं। श्री अहलूवालिया ने इस नेक काम में हाथ बंटाने पर अजय, अनिल, राजेन्द्र, मयंक एवं समस्त वीरवानी परिवार के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यदि सभी लोग थोड़ी सी चिंता अपने बुजुर्गों की कर लें तो उन्हें उनके हिस्से की खुशियां लौटाई जा सकती हैं।

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