जो दिमाग में फीड करोगे उसीका प्रिंटआउट वाणी और व्यवहार में आएगा
भिलाई। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर-7, सड़क-2 के पीस आॅडिटोरियम में दो दिवसीय स्व परिवर्तन योग तपस्या का कार्यक्रम 8 व 9 जुलाई को आयोजित किया गया है। जिसे जयपुर से आई ब्रह्माकुमारीज संस्थान की वरिष्ठ योग विशेषज्ञ राजयोगिनी सुषमा दीदी संबोधित कर रही हैं। प्रथम दिन आपने कहा कि हम जो कुछ कम्प्यूटर में फीड करते हैं उसी का प्रिंट आउट आता है। ठीक इसी तरह हम अपने मन मस्तिष्क में जिस तरह के विचारों को कैद करते हैं हमारे व्यवहार में वही बातें प्रतिफलित होती हैं। इसलिए यदि हम अपनी वाणी और व्यवहार अच्छा करना चाहते हैं तो हमें अपने मस्तिष्क में भी अच्छे और सकारात्मक विचारों को ही भरना होगा।
आरम्भ में मुख्य अतिथि एफएसएनएल के एमडी नीलोत्तम भट्टाचार्य सहित सभी साधकों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। ब्रह्मकुमारी सुषमा दीदी ने आगे कहा कि एक ही संकल्प में मन, बुद्धि को स्थिर करना तपस्या है और तपस्या के लिए दृढ़ता आवश्यक है। हम एक ही कर्म बार-बार करते हैं तो वह हमारा संस्कार बन जाता है। रट लेना, सुनाना और सुनना नहीं हमारी जीवन धारणा मुर्त हो। योग माना स्वरूप बन जाना और शांति माना धैर्यता, सरलता। मन की लगन ही स्वपरिवर्तन का आधार है। जो मन में संकल्प चलते है उसका प्रिंट आउट चेहरे पर दिखाई देता है।
दूसरे सेशन में आपने बताया कि आज सभी मोबाईल से फेविकोल के जोड़ के साथ चिपक गये है। हफ्ते में एक दिन अपने को मोबाईल से दूर रखे, ये हमारे मन, बुद्धि और संस्कारों को प्रभावित करता है। आने वाली जनरेशन भगवान को याद नही कर पायेगी, उनके लिए गुगल देवता ही भगवान होगें।
वर्तमान में समस्या है ईगो क्लैश जिसके कारण एक कि दूसरे से नही बनती। आपने कहा कि हमें सबके कल्याण, सुख देने वाले, प्रेरणा देने वाले, विनम्रता और उदारचित्त होकर कर्म करने चाहिए। मुझे अपने कर्मांे के प्रति सचेत रहना है। योग से हममें क्षमा करने की शक्ति प्राप्त होती है।
इन सभी बातों को आत्मसात करने के लिए सभी प्रात: काल से ही मौन में रहे और संगठित रूप से राजयोंग का अभ्यास किया। जिसमें भिलाई सेवा केन्द्रों सहित नंदनी, पाटन, दल्ली राजहरा, मनेन्द्रगढ़ से ब्रह्मावत्स बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।