एसएसटीसी में मशीन लर्निंग और क्लाउड कंप्यूटिंग पर साप्ताहिक कार्यशाला

SSTC Workshopभिलाई। प्रौद्योगिकी की बढ़ती जरूरतों के साथ तालमेल रखने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग निरंतर शिक्षा कार्यक्रम के तहत श्री शंकरचार्य टेक्निकल कैंपस भिलाई ने कंप्यूटर सोसाइटी आॅफ इंडिया के सहयोग से एक सप्ताह की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। 8 से 13 अक्टूबर तक आयोजित इस कार्यशाला के प्रारूप को दो क्षेत्रों डाटा एनालिसिस एंड मशीन लर्निंग यूजिंग पाइथन और क्लाउड कंप्यूटिंग विथ अमेजन वेब सविर्सेज में बांटा गया है। यह कोर्स सत्र और सीरीज आॅफ सेशन्स एवं लैब असाइनमेंट्स प्रदान करता है, जिसमें पाइथन, पायथन डेटा स्ट्रक्चर, फंक्शन्स, आॅब्जेक्ट-ओरिएंटेड कॉन्सेप्ट्स और एक्सेप्शन हैंडलिंग, मशीन लर्निंग यूजिंग पाइथन के बारे में विषय विशेषज्ञ द्वारा ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। इस कायर्शाला में कुल 150 छात्रों ने भाग लिया है।SSTC Campus Bhilaiइस कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ कोलकाता के उपासक पाल, कमलेश गुप्ता, अरित्र दलाल और सुश्री स्तुति कुमारी प्रतिभागियों को मशीन लर्निंग यूज-केसेस, मशीन लर्निंग प्रोसेस फ्लो, मशीन लर्निंग कटेगरीस एवं मशीन लर्निंग के कॉन्सेप्ट्स को समझायेंगे। तथा पाइथन का उपयोग करके लीनियर रिग्रेशन, ग्रेडियेंट डेसेंट, सुपरवाइज्ड लर्निंग, अनसुपरवाइज्ड लर्निंग, डेटा एनालिसिस और मशीन लर्निंग के तहत एसोसिएशन रूल्स के बारे में विस्तार से अवगत करायेंगे। दूसरे विषय के तहत छात्र कोर एडब्ल्यूएस सविर्सेज, वर्चुअल प्राइवेट क्लाउडए क्लाउड कंप्यूटिंग के तहत अमेजॅन वेब सविर्सेज (एडब्ल्यूएस) के साथ सिंपल स्टोरेज सर्विस के बारे में जानेंगे। इसके अलावा लनिर्गं सेशन में छात्रों को उपरोक्त विषयानुसार प्रोजेक्ट डेवलपमेंट के बारे में भी जानकारी प्रदान की जाएगी।
श्री आईपी मिश्रा, चेयरमैन एसजीईएस, श्रीमती जया मिश्रा अध्यक्ष एसजीईएस, डॉ पीबी देशमुख निदेशक एसएसटीसी ने आयोजन समिति को बधाई दी और विभाग के इस नयी पहल की सराहना कीए उन्होंने विद्यार्थियों को कार्यशाला के महत्व से अवगत कराया। डॉ जसपाल बग्गा विभागाध्यक्ष (आईटी) ने कहा कि छात्र क्लाउड कंप्यूटिंग और पायथन का उपयोग कर मशीन लर्निंग के कोर कॉन्सेप्ट्स को सीखेंगे जो की आने वाले समय में आईटी इंडस्ट्रीज की डिमांड भी है।
इस कार्यक्रम के समन्वयक प्रोफेसर लतिका पिंजरकर प्रोफेसर, प्रिया माटे और प्रोफेसर केवी रवि कुमार ने बताया कि छात्रों को पाठ्यक्रम पूर्ण करने के प्रमाण पत्र से फायदा होगा जो उनकी फ्यूचर प्रोजेक्ट्स के लिए बहुत उपयोगी होंगे।

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