रेडियोधर्मी विकिरणों के हो सकते हैं गंभीर दुष्प्रभाव : डॉ पाण्डेय

Kalyan PG College deptt of Chemistryभिलाई। कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय के रसायन विभाग में रसायन परिषद् के तत्वाधान में रेडियोधर्मी प्रदूषण पर प्रसिद्ध पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. पीयूष कान्त पाण्डेय ने व्याख्यान दिया। बीआईटी-रायपुर के प्राचार्य डॉ. पाण्डेय ने प्रकृति में उपस्थित रेडियोधर्मी पदार्थों का विवरण देते हुए बतलाया कि अधिक मात्रा में रेडियो धर्मी विकिरणों के एक्सपोजर से गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। जापान के हीरोषीमा व नागासाकी में परमाणु बम के विस्फोट से जहां एक ओर हजारों मनुष्यों सहित लाखों पशु व पेड़ क्षण भर में राख बन गए वहीं दूसरी ओर इन विकिरणों के दुष्प्रभाव से आज भी उस क्षेत्र के रहवासी पीड़ित है। उन्होंने बतलाया कि परमाणु के नाभिक के विखण्डन से भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। नाभिकीय विद्युत ऊर्जा संयंत्रों में इस नाभिकीय ऊर्जा से विद्युत बनायी जाती है और इसी नाभिकीय ऊर्जा से परमाणु बम द्वारा तबाही भी मचाई जा सकती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वाय. आर. कटरे ने रसायन परिषद् के सदस्यों की इस आयोजन के लिए सराहना करते हुए कहा की नाभिकीय ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग किया जाना मानवता के हित में है। आरम्भ में रसायन व जैव-रसायन के विभाग के अध्यक्ष डॉ डी एन शर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर विज्ञान निकाय प्रभारी प्रो. वायपी पटेल, वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. जेके तिवारी, प्रो. लता जय, प्रवीण चन्द्र साहू, अदिति बंजारे, रानू गोस्वामी, श्रीमती एस. विद्या, दीपा साहू, सरिता देवांगन, आर.एम निशा आदि प्राध्यापकों सहित बड़ी संख्या में स्नातकोत्तर विद्यार्थी उपस्थित रहें। आभार प्रदर्शन रसायन परिषद् की अध्यक्ष चुमकी साहू ने किया।

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