गर्ल्स कॉलेज एलुमनी सम्मेलन में सहेलियों ने यादें की सांझा

Girls College Durgदुर्ग। शासकीय डॉ. वा. वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग में एलुमनी सम्मेलन का आयोजन किया गया। अस्सी एवं नब्बे दशक से लेकर कुछ वर्ष पूर्व की छात्राओं ने उपस्थिति दर्ज कराकर महाविद्यालय की यादों को ताजा किया। सम्मेलन के शुभारंभ पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने पूर्व छात्राओं का स्वागत करते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में आपकी उपस्थिति ने यह प्रमाणित कर दिया कि हमारी संस्था ने आपको केवल शिक्षा ही नहीं दी है संस्कार और प्रेम भी दिया है। Girls College Durg Alumniइतने वर्षों बाद हमें अपने महाविद्यालय में आकर जो सुखद अनभूति होती है वह अविस्मरणीय होती है। वहीं हम वतर्मान में संस्था के विकास से परिचित होते है। समाज के विभिन्न क्षेत्रों में आपने कीतिर्मान गढ़े है वो सभी हमारी अमूल्य निधि है।
कार्यक्रम की संयोजक डॉ0 मीनाक्षी अग्रवाल ने एलुमनी संगठन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला और इसके महत्वपूर्ण उद्देश्यों से परिचित कराया।
सभी पूर्व छात्राओं ने अपना परिचय दिया और अपनी स्मृति को टटोला। पिछेल सत्र में एलुमनी संगठन द्वारा प्रारंभ की गयी ह्यछोटी बहनह्ण छात्रवृत्ति के लिए इस सत्र की 10 छात्राओं को सम्मान राशि प्रदान की गयी। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. रेश्मा लाकेश ने जो स्वयं इस महाविद्यालय की छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुकी है ने महाविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों एवं विकासयात्रा का जिक्र किया। वहीं बिताए गए पुराने क्षणों की बेहद भावानात्मक प्रस्तुति दी। भूतपूर्व छात्राओं में श्रीमती बिन्दु, श्रीमती ममता खनुजा, कु. करिश्मा, कु. नेहा साहू ने अपने संस्मरण प्रस्तुत किये।
जब पूर्व छात्राओं की बारी आयी तो यादों को कुरेदते हुए आंखे नम हो गयी। बिछुड़ी सहेलियों को याद करते हुए गला भी रूंध गया। सम्मेलन में उपस्थित पुरानी सहेलियों अपनी-अपनी बातों में इतना उलझी की समय ही बीत गया पता नहीं चला।
इस बीच वतर्मान छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए तथा पूर्व छात्राओं ने भी गीत प्रस्तुत कर माहौल को खुशनुमा कर दिया। गीतों पर थिरके भी तो ठहाके लगाने में भी कमी नहीं की।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं छात्रसंघ के पदाधिकारियों ने भी बड़ी संख्या में हिस्सेदारी की। फोटो ग्रुपिंग व सेल्फी के साथ पूर्व छात्राओं ने फिर मिलने की चाह में बिदा हुई। आभार प्रदर्शन श्रीमती ज्योति भरणे ने किया।

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