सीपीआर देकर युवक की जान बचाने वाले बालकों का पल्स हॉस्पिटल ने किया सम्मान

School Boys save life of youth by giving CPR for 20 minutesभिलाई। सीपीआर देकर एक युवक की धड़कनों को दोबारा शुरू करने वाले दो स्कूली बालकों का पल्स हॉस्पिटल ने आज सम्मान किया। युवक ने अपने घर के पीछे फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की थी। जब उसे उतारा गया तो उसके दिल की धड़कनें थम चुकी थीं और सांस भी नहीं चल रही थी। तब इन दो बालकों ने उसके सीने पर लगातार कार्डियो पल्मोनरी रेससिटेशन (सीपीआर) देकर उसकी धड़कनों को दोबारा शुरू कर दिया था।पल्स हॉस्पिटल के डॉ रंजन बोपर्डिकर, डॉ सत्येन ज्ञानी, डॉ एपी सावंत ने 12वीं के छात्र राकेश यादव एवं 10वीं के छात्र मिथलेश साव को प्रशस्तिपत्र प्रदान किया। उन्होंने कहा कि इन बालकों ने सीपीआर देकर उस युवक को मौत के मुंह से खींच लिया। किसी का जीवन बचाने से बड़ा कोई काम हो नहीं सकता। सीपीआर देने की कला हममें से प्रत्येक को सीखना चाहिए ताकि वक्त जरूरत पड़ने पर हम किसी की जान बचा सकें। उन्होंने कहा कि सीपीआर देने की तकनीक पर भविष्य में पल्स हॉस्पिटल द्वारा लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
राकेश और मिथलेश ने बताया कि यह विद्या उन्होंने अपने मोहल्ले के ही हरिराम भैया से सीखी थी। हरिराम स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करते हैं और युवकों को ऐसी जीवनोपयोगी हुनर सिखाते रहते हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने लगभग 5 से 10 मिनट तक लगातार युवक की छाती पर कम्प्रेशन दिया। मुंह से सांस देने की कोशिश भी की। तब कहीं जाकर युवक एकाएक खांसने लगा और उठ कर बैठ गया। तब उसे बाइक पर लेकर ही वे अस्पताल पहुंचे जहां उसे आॅक्सिजन दिया गया और फिर चन्दूलाल चन्द्राकर अस्पताल भेज दिया।
इस अवसर पर डॉ राजन तिवारी, डॉ नितेश दुआ, डॉ रीमा छत्री सहित अनेक माता-पिता अपनी संतानों के साथ उपस्थित थे। नेहरू नगर में गुरुद्वारे के पास स्थित पल्स हॉस्पिटल का विधिवत उद्घाटन 7 मई को किया जाएगा।

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