स्वरूपानंद महाविद्यालय में ऐंकरिंग पर तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन
भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय ‘कैरियर इन ऐंकरिंग’ पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन डॉ. श्रीमती सोनाली चक्रबोरती के संचालन एक कला विषय पर व्याख्यान से हुआ। प्रशांत गोलछा, पूर्व अध्यक्ष, जेसीआई ने विद्यार्थियों को मंच संचालन के लाफ विषय पर उद्बोधित करते हुये कहा कि आप जब मंच संचालन करते हैं तो आपके व्यक्तित्व का विकास होता है। डर व झिझक की भावना दूर होती है। गोलछा ने कहा कि किसी बड़े कार्यक्रम में बोलना ही एंकरिंग नहीं है। घर के जन्मदिन पार्टी, सालगिरह पार्टी आदि से भी शुरूआत की सकती है। उन्होंने बताया कि आप क्या ड्रेस पहनते हैं, उसका प्रभाव दर्शकों पर पड़ता है अत: आपका वस्त्र विन्यास कार्यक्रम के अनुरूप हो।
मंच पर खड़े होते समय डाईस पकड़कर न खड़े हों आई कॉनकैक्ट हो। आप चारों तरफ देखें बीच-बीच में मुहावरे, कविता, नीती वाक्य आदि बोलने से कार्यक्रम में जान आ जाती है। अतिथियों का पूरा बायोडेटा साथ में रखें, अगर आप भाषण दे रहे हैं तो आपका विषय डेटा के साथ तैयार होना चाहिये साथ ही विषय का गहन ज्ञान होना चाहिये। उन्होंने मंच संचालन में क्या नहीं करना चाहिये पर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा किसी की नकल नहीं करना चाहिये, अपनी व्यक्तिगत अनुभवों को बहुत शेयर ना करें। किसी जाति रंग, व संप्रदाय को लेकर टिप्पणी ना करें इससे लोगों की भावनायें आहात हो सकती है। अगर कार्यक्रम में फेर बदल हुआ है तो दर्शकों को पता लगने नहीं देना चाहिये।
डॉ. श्रीमती सोनाली चक्रबोरती स्वयं सिद्धा ग्रुप की अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा एंकर का मतलब होता है पकड़ बना कर रखना। अत: संचालक का मुख्य दायित्व है दर्शकों को बांध कर रखना। शब्दों के उच्चारण पर ध्यान देना चाहिये। शब्दों का गलत उच्चारण कार्यक्रम के रोचकता को कम कर देते हैं। समाचार पत्र को पढ़ना चाहिये जिस प्रकार के समाचार हैं वह भाव आपके आवाज व आंखों में दिखना चाहिये। मानसिक स्तर स्थिर होना चाहिये, तनाव नहीं दिखना चाहिये। आपकी विषय की तैयारी होनी चाहिये कौन अतिथि आ रहे हैं उनका व्यक्तित्व परिचय कौन देना, स्वागत कौन करेगा यह पद्नाम के साथ तैयार होना चाहिये। अगर आप बार-बार अटक रहें हैं तो कार्यक्रम का प्रभाव कम हो जाता है।
कार्यक्रम में मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती श्वेता भारद्वाज ने दिया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक व पंजीकृत विद्यार्थी सम्मिलित हुये।