आरसीईटी के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग में अतिथि व्याख्यान

जीवन के प्रत्येक क्षेत्र की गुणवत्ता बढ़ा सकती है शोध की प्रवृत्ति : शर्मा भिलाई। संतोष रूंगटा ग्रुप द्वारा संचालित आरसीईटी के प्रबंधन विभाग तथा जीडीआरसीएटी के मैनेजमेन्ट विद्यार्थियों के लिए अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। लूसिएन्टेल के एसोसिएट प्रोजेक्ट मैनेजर विकास कुमार शर्मा ने प्रबंधन छात्रों को बताया कि किस प्रकार शोध की प्रवृत्ति न केवल नए उपक्रम को बल्कि कार्यरत उपक्रमों को भी लाभ के नए शिखर तक ले जा सकता है। उन्होंने छोटे-छोटे उदाहरणों से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में शोध के महत्व को रेखांकित किया।

भिलाई। संतोष रूंगटा ग्रुप द्वारा संचालित आरसीईटी के प्रबंधन विभाग तथा जीडीआरसीएटी के मैनेजमेन्ट विद्यार्थियों के लिए अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। लूसिएन्टेल के एसोसिएट प्रोजेक्ट मैनेजर विकास कुमार शर्मा ने प्रबंधन छात्रों को बताया कि किस प्रकार शोध की प्रवृत्ति न केवल नए उपक्रम को बल्कि कार्यरत उपक्रमों को भी लाभ के नए शिखर तक ले जा सकता है। उन्होंने छोटे-छोटे उदाहरणों से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में शोध के महत्व को रेखांकित किया। भिलाई। संतोष रूंगटा ग्रुप द्वारा संचालित आरसीईटी के प्रबंधन विभाग तथा जीडीआरसीएटी के मैनेजमेन्ट विद्यार्थियों के लिए अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। लूसिएन्टेल के एसोसिएट प्रोजेक्ट मैनेजर विकास कुमार शर्मा ने प्रबंधन छात्रों को बताया कि किस प्रकार शोध की प्रवृत्ति न केवल नए उपक्रम को बल्कि कार्यरत उपक्रमों को भी लाभ के नए शिखर तक ले जा सकता है। उन्होंने छोटे-छोटे उदाहरणों से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में शोध के महत्व को रेखांकित किया।संतोष रूंगटा ग्रुप के चेयरमैन संतोष रूंगटा ने कहा कि इस व्याख्यान का आयोजन बीबीए और एमबीए अभ्यर्थियों को अपने अकादमिक ज्ञान का अपने आसपास की गतिविधियों पर प्रयोग करने के लिए प्रेरित करेगा। इससे उनका ज्ञान व्यावहारिक होगा और आगे जाकर वे इस दिशा में शोध के लिए भी तैयार हो सकेंगे। ग्रुप के डायरेक्टर सोनल रूंगटा एवं सौरभ रूंगटा ने कहा कि इस तरह के अतिथि व्याख्यानों का आयोजन विद्यार्थियों को नई दृष्टि देने के साथ साथ उन्हें प्रयोगधर्मिता के लिए भी प्रेरित करता है।
आरसीईटी के एमबीए प्रथम एवं तृतीय तथा जीडीआरसीएसटी बीबीए के पंचम सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने इसमें भागीदारी दी। श्री शर्मा ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र से जुड़े शोध की चर्चा करते हुए कहा कि विधिवत अध्ययन से हम न केवल जोखिम को कम कर सकते हैं बल्कि बेहतर कार्ययोजना तैयार कर सकते हैं।
उन्होंने व्यवसाय के विभिन्न आयामों पर मैनेजमेंट कॉन्सेप्ट्स तथा मॉडल्स के प्रयोगों की जानकारी देते हुए इस क्षेत्र में शोध की महत्ता प्रतिपादित की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से शोध एक जारी व्यावसायिक गतिविधि या नए व्यवसायिक उपक्रम को लाभान्वित कर सकता है।
कार्यक्रम का संचालन आशना एम खान ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रियंका हालदार ने किया।

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