नदी-तालाबों को प्रदूषण से बचाने एमजे कालेज ने परिसर में किया गणपति विसर्जन

भिलाई। नदी-तालाबों सहित जलस्रोतों एवं पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देजर एमजे कालेज ने गणेश विसर्जन की एक नई परम्परा की नींव रखी है। सुबह हवन आदि के बाद शाम को गणेश प्रतिमा का कालेज परिसर में ही विसर्जन कर दिया गया। इसके साथ ही मिट्टी की प्रतिमा के मिट्टी में विलीन हो जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया। गणपति प्रतिमा के विसर्जन के लिए महाविद्यालय परिसर में ही एक लगभग 3 फीट का कुंड खोदकर उसमें पानी भर दिया गया था।भिलाई। नदी-तालाबों सहित जलस्रोतों एवं पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देजर एमजे कालेज ने गणेश विसर्जन की एक नई परम्परा की नींव रखी है। सुबह हवन आदि के बाद शाम को गणेश प्रतिमा का कालेज परिसर में ही विसर्जन कर दिया गया। इसके साथ ही मिट्टी की प्रतिमा के मिट्टी में विलीन हो जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया। गणपति प्रतिमा के विसर्जन के लिए महाविद्यालय परिसर में ही एक लगभग 3 फीट का कुंड खोदकर उसमें पानी भर दिया गया था। भिलाई। नदी-तालाबों सहित जलस्रोतों एवं पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देजर एमजे कालेज ने गणेश विसर्जन की एक नई परम्परा की नींव रखी है। सुबह हवन आदि के बाद शाम को गणेश प्रतिमा का कालेज परिसर में ही विसर्जन कर दिया गया। इसके साथ ही मिट्टी की प्रतिमा के मिट्टी में विलीन हो जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया। गणपति प्रतिमा के विसर्जन के लिए महाविद्यालय परिसर में ही एक लगभग 3 फीट का कुंड खोदकर उसमें पानी भर दिया गया था।गाजे बाजे के साथ प्रतिमा को आसन से उठाया गया तथा बच्चों के साथ ही प्राध्यापकों ने भी इस विसर्जन प्रक्रिया में हिस्सा लिया। गणपति के साथ ही पूजा में उपयोग किये गये फूल, पत्ते आदि को भी कुंड में ही विसर्जित कर दिया गया।
इससे पहले बच्चों ने गुलाल उड़ाकर बाजे की धुन पर थिरकते हुए गणपति की शोभायात्रा निकाली। इस अवसर पर प्रभारी प्राचार्य डॉ अनिल चौबे, फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टी कुमार, महाविद्यालय के सीईओ वीके चौबे, सहित सभी सहा. प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थीं।

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