जीवन में निखरने के लिए कठिन संघर्ष का कोई विकल्प नहीं : विरुलकर

एमजे कालेज कालेज में फार्मेसी स्टूडेन्ट्स की फ्रेशर पार्टी

भिलाई। जीवन में यदि निखरना है तो कठिन संघर्ष का कोई विकल्प नहीं है। हमें केवल तितली की खूबसूरती दिखाई देती है, अकसर हम उसके जीवन के संघर्षों की अनदेखी कर देते हैं। एक खूबसूरत जिन्दगी के लिए तितली को अंडे से लार्वा, लार्वा से प्यूपा का चक्र होकर गुजरना पड़ता है। नाजुक सी तितली एक कठोर कवच को तोड़कर बाहर निकलती है। हमें भी अपना कम्फर्ट जोन छोड़कर बाहर निकलना होगा। तभी हमारा व्यक्तित्व और कृतित्व निखर पाएगा। उक्त बातें एमजे कालेज की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर ने आज कहीं।भिलाई। जीवन में यदि निखरना है तो कठिन संघर्ष का कोई विकल्प नहीं है। हमें केवल तितली की खूबसूरती दिखाई देती है, अकसर हम उसके जीवन के संघर्षों की अनदेखी कर देते हैं। एक खूबसूरत जिन्दगी के लिए तितली को अंडे से लार्वा, लार्वा से प्यूपा का चक्र होकर गुजरना पड़ता है। नाजुक सी तितली एक कठोर कवच को तोड़कर बाहर निकलती है। हमें भी अपना कम्फर्ट जोन छोड़कर बाहर निकलना होगा। तभी हमारा व्यक्तित्व और कृतित्व निखर पाएगा। उक्त बातें एमजे कालेज की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर ने आज कहीं।भिलाई। जीवन में यदि निखरना है तो कठिन संघर्ष का कोई विकल्प नहीं है। हमें केवल तितली की खूबसूरती दिखाई देती है, अकसर हम उसके जीवन के संघर्षों की अनदेखी कर देते हैं। एक खूबसूरत जिन्दगी के लिए तितली को अंडे से लार्वा, लार्वा से प्यूपा का चक्र होकर गुजरना पड़ता है। नाजुक सी तितली एक कठोर कवच को तोड़कर बाहर निकलती है। हमें भी अपना कम्फर्ट जोन छोड़कर बाहर निकलना होगा। तभी हमारा व्यक्तित्व और कृतित्व निखर पाएगा। उक्त बातें एमजे कालेज की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर ने आज कहीं।श्रीमती विरुलकर रविवार को महाविद्यालय में आयोजित फार्मेसी कालेज की फ्रेशर पार्टी को संबोधित कर रही थीं। स्टूडेन्ट्स को मोटिवेट करते हुए उन्होंने कहा कि अब तक का स्टूडेन्ट का जीवन एक कम्फर्ट जोन में गुजरा है। स्टूडेन्ट्स की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति माता-पिता, टीचर्स और महाविद्यालय प्रशासन करता रहा है। पर इसके आगे जीवन में निखरने के लिए स्टूडेन्ट्स को अपना कम्फर्ट जोन त्यागना होगा। अपने ज्ञान को पुष्ट करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी तभी वे कर्मजीवन में सफल हो पाएंगे।
भिलाई। जीवन में यदि निखरना है तो कठिन संघर्ष का कोई विकल्प नहीं है। हमें केवल तितली की खूबसूरती दिखाई देती है, अकसर हम उसके जीवन के संघर्षों की अनदेखी कर देते हैं। एक खूबसूरत जिन्दगी के लिए तितली को अंडे से लार्वा, लार्वा से प्यूपा का चक्र होकर गुजरना पड़ता है। नाजुक सी तितली एक कठोर कवच को तोड़कर बाहर निकलती है। हमें भी अपना कम्फर्ट जोन छोड़कर बाहर निकलना होगा। तभी हमारा व्यक्तित्व और कृतित्व निखर पाएगा। उक्त बातें एमजे कालेज की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर ने आज कहीं।फार्मेसी कालेज के प्राचार्य डॉ टी कुमार ने विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्हें अपने पेशे से जुड़ी खबरों से भी जुड़ना चाहिए। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की मंशा शेड्यूल ‘के’ के जरिए अल्प शिक्षित निचले स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों को दवा प्रेस्क्राइब करने का अधिकार देने की है। इस कार्य को फार्मेसी ग्रेजुएट्स बेहतर ढंग से कर सकते हैं। अत: हमें केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग के समक्ष अपनी बात रखनी होगी ताकि यह अधिकार फार्मेसी ग्रेजुएट्स को मिले।
इस अवसर पर फ्रेशर्स से अनेक गेम्स खिलवाए गए। स्टूडेन्ट्स ने डीजी पर जमकर डांस किया और खूब मस्ती की। डी फार्मेसी से गौरव साहू एवं पूजा पंडा को मिस्टर और मिस फ्रेशर का खिताब दिया गया। भूपेन्द्र साहू एवं पलक देवांगन को मिस्टर और मिस डांसर तथा पुष्पेन्द्र पटेल एवं दीप्ति साहू को मिस्टर एवं मिस पर्सनालिटी के खिताब से नवाजा गया।
बी फार्मेसी में अचल कुमार उके तथा भावना देवांगन को मिस्टर एवं मिस फ्रेशर, मिथलेश साहू एवं मोनाली भोजराज को मिस्टर एवं मिस डांसर, मोहनिश साहू एवं दीक्षा साहू को मिस्टर एवं मिस पर्सनालिटी तथा रॉकी गुप्ता एवं अनमोल देवांगन को मिस्टर एवं मिस पापुलकर का खिताब दिया गया।
महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीलेखा विरुलकर ने इन सभी को सैश पहनाकर एवं क्राउन पहनाकर सम्मानित किया। मौके पर एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, नर्सिंग महाविद्यालय की प्राचार्य सी कन्नम्मल, पंकज सिन्हा, सीएओ वीके चौबे, फार्मेसी कालेज के फैकल्टी मेम्बर्स अंजलि वाहने, रश्मि सूर्यवंशी, लोकेश चन्द्राकर, उमेश नाकतोड़े, स्वाति दुबे, वर्षा साहू, विनिता वर्मा, पंकज साहू सहित छात्र छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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