माइलस्टोन के बच्चों ने ‘पिनोकियो’ की कहानी में पिरोया डांस-ड्रामा

Milestone Academy celebrates its annual day Zest-19भिलाई। क्या परिकथा में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की पूरी शृंखला को पिरोया जा सकता है? इसका जवाब है हां। माइलस्टोन जूनियर के शिक्षकों एवं बच्चों ने इसे सच कर दिखाया है। ‘पिनोकियो’ की कथा में उसने न केवल अगणित बच्चों को मौका दिया बल्कि पिता-पुत्र के बीच के भावनात्मक संबंधों को भी खूबसूरती से उकेरा। पूरी कथा के दौरान पिनोकियो अपनी गलतियों से सीखता जाता है। अंत में अपने पिता के गले लगकर वह पश्चाताप भी करता है और सच्ची खुशी का अहसास भी करता है।Milestone-Zest-1 Milestone-Zest-2 Milestone-Zest-7 Milestone-Zest-3 Milestone-Zest-4 Zest 2019 at Milestone Academy Bhilaiमाइलस्टोन अकादमी के चार दिवसीय वार्षिकोत्सव ‘जेस्ट-2019’ का आज दूसरा दिन था। जिला मजिस्ट्रेट गरिमा शर्मा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। आज का कार्यक्रम बालकथा पिनोकियो पर आयोजित था। पिनोकियो के पिता जिपिटो एक गरीब बढ़ई हैं। एकाकी जीवन से परेशान होकर एक दिन वे एक खिलौना बच्चा बनाते हैं। वे कहते हैं कि काश यह एक जीवंत बच्चा होता। रात को नीलम परी आती है और पिनोकियो में जान डाल देती है। जिपिटो पिनोकियो से बेहद प्यार करता है और उसे स्कूल भेजने तथा उसके लिए पुस्तकें खरीदने के लिए कड़ाके की सर्दी के बावजूद अपनी कोट बेच देता है। कठपुतली नृत्य देखने के लिए पिनोकियो अपनी पुस्तक बेच देता है। इसी तरह कहानी आगे बढ़ती है और पिनोकियो अपनी गलतियों से सीखता जाता है। वह मुसीबत में फंस जाता है और उसे ढूंढते हुए उसके पिता समन्दर में समा जाते हैं। फिर पिता पुत्र का बेहद भावुक मिलन होता है।
इस पूरे घटनाक्रम में माइलस्टोन अकादमी ने लगभग सभी बच्चों को मंच पर आने का मौका दिया। बच्चों ने कठपुतली बन कर नृत्य किया, जीवंत खिलौने बनकर शरारतें कीं, कभी वे नाविक बन जाते तो कभी बदमाश। इस खूबसूरत प्रस्तुति में माइलस्टोन अकादमी के बच्चों, शिक्षकों और पालकों की मेहनत तथा धैर्य की साफ झलक दिखाई देती है।
मंच पर डिजिटल तकनीक का उपयोग बेहद खूबसूरती के साथ किया गया था। परीकथा को जीवंत बनाने में प्रकाश संयोजन एवं पृष्ठभूमि का बड़ा योगदान रहा। आरंभ में माइलस्टोन एन्थम प्रस्तुत किया गया। इसे बॉलीवुड सिंगर वैशाली माडे ने स्वर दिया है। यह एक बेहद खूबसूरत वीडियो है जिसमें माइलस्टोन की दैनिक गतिविधियों को शामिल किया गया है। इसमें अकादमिक गतिविधियों की भी झलक दिखाई देती है।

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