स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में क्रिसमस व तुलसी पूजन का आयोजन

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में आईक्यूएसी, हैल्दी प्रैक्टिस, ग्रीन कमेटी के संयुक्त तत्वाधान में 25 दिसंबर को क्रिसमस व तुलसी पूजन दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ. शमा ए. बेग ने कहा क्रिसमस प्रभु यीशुमसीह के जन्म दिस के उपलक्ष्य में मानाया जाता है। यीशु ने शांति एकता और सौहाद्र का पाठ पढ़ाया। क्रिसमस के माध्यम से हम विद्यार्थियों को मिलजूल कर जीवनयापन कर संदेश देना चाहते है।भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में आईक्यूएसी, हैल्दी प्रैक्टिस, ग्रीन कमेटी के संयुक्त तत्वाधान में 25 दिसंबर को क्रिसमस व तुलसी पूजन दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ. शमा ए. बेग ने कहा क्रिसमस प्रभु यीशुमसीह के जन्म दिस के उपलक्ष्य में मानाया जाता है। यीशु ने शांति एकता और सौहाद्र का पाठ पढ़ाया। क्रिसमस के माध्यम से हम विद्यार्थियों को मिलजूल कर जीवनयापन कर संदेश देना चाहते है। भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में आईक्यूएसी, हैल्दी प्रैक्टिस, ग्रीन कमेटी के संयुक्त तत्वाधान में 25 दिसंबर को क्रिसमस व तुलसी पूजन दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ. शमा ए. बेग ने कहा क्रिसमस प्रभु यीशुमसीह के जन्म दिस के उपलक्ष्य में मानाया जाता है। यीशु ने शांति एकता और सौहाद्र का पाठ पढ़ाया। क्रिसमस के माध्यम से हम विद्यार्थियों को मिलजूल कर जीवनयापन कर संदेश देना चाहते है।प्राचार्य डॉ. श्रीमती हंसा शुक्ला ने कहा यह त्यौहार शांति सद्भाव और उम्मीद बनाये रखने का संदेश देता है। यह मानवीय भावों का त्यौहार है जिसमें प्रेम भाव के कारण जीवन उत्सव में बदल जाता है। महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने प्राध्यापकों व विद्यार्थियों को क्रिसमस की बधाई दी व आशा व्यक्त की कि यह त्यौहार हमें शांति मैत्री, मानवता सर्वधर्म समभाव की ओर प्रेरित करेगा और देश के नव निर्माण के हमारे संकल्प को दृढ़ बनाये रखता है।
इस अवसर पर महाविद्यालय में क्रिसमस ट्री सजाकर केक काटा गया। प्रभु यीशु के संदेशों का स्मरण किया गया साथ ही तुलसी पूजन दिवस की समृति में पौधा रोपा गया व उसमें पानी अर्पित किया गया।
तुलसी के पौधे का संस्कृत में महत्वपूर्ण स्थान है इसे लोग घर के आंगन में लगा कर प्रति दिन पूजा करते हैं। धार्मिक महत्व होने के साथ-साथ तुलसी औषधि गुणों से भी भरपूर है। आयुर्वेद के प्रमुख ग्रंथ चरक संहिता में इसे रोगनाशक कहा गया है। प्रयोग से सिध्द हुआ है कि तुलसी के पत्र को मोबाईल के बैक कवर में रखने से यह रेडियेशन के प्रभाव को काफी हद तक कम करता है। तुलसी के सांस्कृतिक व औषधीय गुणों से विद्यार्थियों को परिचित कराने के उद्देश्य से महाविद्यालय परिसर में तुलसी लगाकर उसका विधिवत पूजन-अर्चन किया गया व तुलसी से संबंधित कथा विद्यार्थियों को सुनाई गयी। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक/प्राध्यापिकायें व विद्यार्थी सम्मिलित हुर्इं।

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