कोविड -19 के पश्चात शिक्षक एवं आनलाइन शिक्षण की वैश्विक चुनौती एवं अवसर

Challenges of online educationभिलाई। संजय रूंगटा ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन्स द्वारा संचालित नेक बी प्लस ग्रेड प्राप्त रुंगटा कॉलेज ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। इस वेबीनार का विषय था कोविड – 19 के पश्चात शिक्षक एवं आनलाइन शिक्षण की वैश्विक चुनौती एवं अवसर। हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। डॉ. अरुणा ने कहा कि यह विषय केवल चर्चा का नहीं है। जब तक हम ऑनलाइन टीचिंग में प्रवेश नहीं करेंगें तब तक इसकी चुनौतीयों एवं अवसरों के बारे में नही जान पायेंगे। वेबीनार के की – नोट स्पीकर डॉ शैलेन्द्र सिंग, कुलपति बस्तर विश्वविद्यालय जगदलपुर ने बताया की भारत मे उच्च शिक्षा की चुनौतीयों एवं स्तर, शोध कार्यों की संख्या, शिक्षकों की अनउपलबधता विश्व के विकसित देशों से किस प्रकार भिन्न है।
कार्यक्रम में डॉ जी.जी. बानिक – एसोसिएट प्रोफेसर गुवाहाटी डॉ. स्नेहा देशपाण्डे प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, नागपुर, डॉ आशा खन्ना रिटायर्ड प्रो. जबलपुर, डॉ प्रतिभा शर्मा विभागाध्यक्ष बरेली भी उपस्थित रहें। इस वेबीनार में छ.ग. सहित अनेक राज्यों जैसे म.प्र., उ.प्र. महाराष्ट्र, केरल, असम, झारखण्ड, वेस्ट बंगाल आदि से 500 सौ से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुई।
संजय रुंगटा ग्रुप के चेयरमेन संजय रुंगटा ने शिक्षा के महत्व एवं समय की मांग पर खरा उतरने की बात कही। कार्यक्रम का आरंभ कॉलेज की प्राचार्य डॉ. तृप्ति अग्रवाल जैन ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कार्यक्रम की सह – समन्वयक उपप्राचार्य श्रीमति रीता गुप्ता उपस्थित रही। कार्यक्रम का संचालन श्रीमति नीलू जैन ने किया तथा आभार प्रदर्शन संयोजक अर्पण डे ने किया।

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